Greater Noida/ Lucknow : उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने आवंटियों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। रेरा ने अपने पोर्टल को बैंक पोर्टल से जोड़कर वसूली प्रक्रिया को अधिक सुगम और त्वरित बना दिया है। इस नई व्यवस्था से आवंटियों को वसूली प्रमाण-पत्र (आर.सी.) के तहत प्राप्त धनराशि का भुगतान अब बहुत कम समय में मिल सकेगा।
ऑटो-जेनरेटेड ई-मेल भेजा जाएगा
नई प्रणाली के तहत, बैंक द्वारा चेक या डी.डी. की क्लियरेंस होते ही उसकी जानकारी तुरंत रेरा पोर्टल पर अपडेट हो जाएगी। इसके बाद, शिकायतकर्ता को एक ऑटो-जेनरेटेड ई-मेल भेजा जाएगा, जिसमें शपथ-पत्र का प्रारूप भी होगा। शिकायतकर्ता को यह शपथ-पत्र 10 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर नोटराइज करवाकर रेरा कार्यालय में जमा करना होगा। इसके बाद, धनराशि तुरंत आर.टी.जी.एस. के माध्यम से शिकायतकर्ता के खाते में भेज दी जाएगी।
रेरा के निर्णयों का लाभ जल्द मिलेगा
यह नई व्यवस्था पुरानी प्रक्रिया में होने वाली देरी को दूर करेगी। पहले, बैंक क्लियरेंस के बाद शिकायतकर्ता को पंजीकृत डाक द्वारा सूचना भेजी जाती थी, जिसमें काफी समय लगता था। अब यह प्रक्रिया लगभग तत्काल हो जाएगी। उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्डी ने कहा कि यह नई व्यवस्था आवंटियों को रेरा के निर्णयों का लाभ शीघ्रता से प्रदान करेगी और वसूली प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी। उन्होंने आवंटियों से अपने शपथ-पत्र जल्द से जल्द जमा कराने की अपील की।