तकनीकी दुनिया में एक बड़ा सौदा, 'Make in India' से मिलेगा फायदा

ग्रेटर नोएडा में Vivo ने मिलाया इस भारतीय कंपनी से हाथ : तकनीकी दुनिया में एक बड़ा सौदा, 'Make in India' से मिलेगा फायदा

तकनीकी दुनिया में एक बड़ा सौदा, 'Make in India' से मिलेगा फायदा

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Greater Noida News : नोएडा की तकनीकी दुनिया में एक बड़ा सौदा होने जा रहा है। चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो अपनी ग्रेटर नोएडा स्थित एक फैक्ट्री को भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स की मूल कंपनी भगवती प्रोडक्ट्स (Bhagwati Products) को बेचने की कगार पर है। 

वीवो कॉन्ट्रैक्ट पर स्मार्टफोन का निर्माण करेगी
चाइनीज कंपनी वीवो (Chinese company Vivo) भारतीय बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है। वित्त वर्ष 2023 में इसका राजस्व लगभग 30,000 करोड़ रुपये रहा और इस साल जनवरी-मार्च की अवधि में इसने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में बिक्री में अग्रणी स्थान हासिल किया। लेकिन पिछले कुछ समय से वीवो सहित कई चीनी कंपनियों पर नियामकीय दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब वीवो ने सौदा करने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार, भगवती प्रोडक्ट्स इस फैक्ट्री में वीवो के मूल डिजाइन निर्माण (ओडीएम) भागीदार हुआकिन के सहयोग से कॉन्ट्रैक्ट पर स्मार्टफोन का निर्माण करेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओप्पो और वीवो भारत में अपने परिचालन के लिए संभावित भागीदारों की तलाश शुरू कर चुके हैं।

सरकार से मांगी अनुमति 
दोनों कंपनियों ने इस सौदे के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। माना जा रहा है कि इससे 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक वैश्विक कंपनियों को अपना उत्पादन भारत में स्थानीयकृत करने के लिए प्रोत्साहित करना है। वीवो के पास ग्रेटर नोएडा में दो फैक्ट्रियां हैं और यह सौदा उसकी पहली प्रारंभिक फैक्ट्री के लिए है, जो लगभग 14 एकड़ में फैली हुई है। वीवो की नई सुविधा 169 एकड़ में बनी है, जिसमें 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। भगवती प्रोडक्ट्स के साथ यह साझेदारी वीवो के रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप है, जो इसे सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत स्मार्टफोन के लिए दिए जाने वाले लाभों का फायदा उठाने में मदद करेगी। 

क्या बोले भगवती प्रोडक्ट्स के निदेशक
रिपोर्ट के अनुसार, वीवो की ओर से भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। वहीं भगवती प्रोडक्ट्स के निदेशक राजेश अग्रवाल ने विवरण साझा करने से इनकार किया, लेकिन यह पुष्टि की कि दोनों कंपनियों ने सौदे के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया शुरुआती चरण में है।इस सौदे से जहां एक ओर वीवो को नियामकीय दबावों से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स को अपने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने का मौका मिलेगा। कुल मिलाकर, यह सौदा भारतीय स्मार्टफोन उद्योग में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत दे रहा है।

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