Greater Noida News : जो काम आईपीएस तब्बू और अक्षय खन्ना 6 सालों में ना कर पाए। उसको ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 13 दिन में करके दिखा दिया। दृश्यम मूवी का पहला पार्ट वर्ष 2015 में आया था। उसमें अजय देवगन ने आईजी तब्बू उर्फ मीरा देशमुख के बेटे समीर देशमुख के बेटे की लाश को दबा दिया था। फिल्म का दूसरा पार्ट वर्ष 2021 में आया, लेकिन 6 साल बाद भी पुलिस अजय देवगन के खिलाफ सबूत इकट्ठा ना कर पाई। वहीं, इसी फिल्म की तर्ज पर ग्रेटर नोएडा में व्यापारी अंकुश शर्मा की हत्या हुई थी। लेकिन पुलिस ने अंकुश शर्मा हत्याकांड में 13 दिन के भीतर ही खुलासा कर दिया। इसमें बड़ी बात यह है कि अंकुश शर्मा की हत्या दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की है। जिसको गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण ने बड़ी चालाकी के साथ वारदात को अंजाम दिया। हेड कांस्टेबल ने मृतक अंकुश शर्मा के खिलाफ 153/3 के तहत शिकायत दी थी।
आपको मेरी बीवी पसंद नहीं करती...
डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि बीते 9 अगस्त को प्रवीण ने अंकुश शर्मा से मुलाकात की थी। अंकुश शर्मा के ऑफिस प्रवीण पहुंचा था। वहां पर प्रवीण ने अंकुश के लिए लस्सी मंगवाई और उसमें नशे की गोली मिला दी। उसके बाद प्रवीण ने अंकुश से बोला, "चलो फ्लैट पर चलते है। वहां पर मैं तुम्हे रुपये दे दूंगा। उसके बाद ड्राइवर सीट पर प्रवीण बैठ गया और बराबर वाली सीट पर अंकुश बैठ गया। ऑफिस से कुछ दूरी पर पहुंचकर प्रवीण ने अंकुश से कहा, "आपको मेरी बीवी पसंद नहीं करती है। आप पीछे वाली सीट पर बैठ जाओ।" प्रवीण की यह बात सुनकर अंकुश पीछे वाली सीट पर बैठ गया। अंकुश ने नशीली लस्सी पी हुई थी। इसलिए वह पीछे बैठने के बाद बेहोश हो गया।
पुलिस को ऐसे किया गुमराह
जांच में पता चला है कि जहां पर अंकुश को कार में पीछे वाली सीट पर बैठाया गया था, वहां पर कोई सीसीटीवी नहीं लगा हुआ था। पुलिस यही पर बार-बार गुमराह हो रही थी। क्योंकि प्रवीण ने जिस स्थान पर अंकुश को उतारा था। वहां पर पुलिस को उसने बताया था कि उसकी कार से अंकुश उतर गया था। जबकि प्रवीण ने अंकुश को पीछे वाली सीट पर बैठा दिया था। यहां पर गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर बन गई। पुलिस ने जितनी बार उससे पूछताछ की, उतनी बार यही बताया कि उसने रास्ते में अंकुश को उतार दिया था। इसके हालांकि, पुलिस ने 13 दिनों के भीतर खुलासा कर लिया।
पैसों से शुरू हुआ विवाद और अंत मर्डर पर हुआ
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस और पूरी टीम की मदद से आरोपी प्रवीण को गिरफ्तार किया है। प्रवीण ने एक व्यापारी अंकुश शर्मा की हत्या की थी। अंकुश शर्मा से प्रवीण एक फ्लैट खरीदना चाहता था, दोनों का पैसों से विवाद शुरू हुआ और अंत मर्डर पर हुआ। आरोपी प्रवीण दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल है, लेकिन वह कुछ समय पहले ही सस्पेंड हुआ था। मामला काफी सनसनीखेज है। आरोपी ने ग्रेटर नोएडा पुलिस को गुमराह और परेशान करने के लिए पूरा प्लान तैयार किया था। प्रवीण ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसने इस हत्याकांड को देखने करने से पहले अजय देवगन के 'दृश्यम' मूवी कई बार देखी थी। उसके बाद ही उसने मर्डर का प्लान बनाया।
कैसे और कब हुई दोनों की मुलाकात
प्रवीण ने एक फ्लैट खरीदने के लिए ब्रोकर संचित के माध्यम से सम्पर्क किया। संचित ने उसे ईटा-2 में स्थित एक फ्लैट बेचने की पेशकश की थी। वह फ्लैट अंकुश शर्मा का था। ब्रोकर संचित ने प्रवीण और अंकुश के बीच 20 फरवरी 2024 को मुलाकात करवाई, जिसके बाद दोनों ने 1.18 करोड़ रुपये में फ्लैट की डील तय कर दी। इस सौदे में 88 लाख रुपये (ए) पेमेंट और 30 लाख रुपये कैश (बी) पेमेंट में देने का निर्णय हुआ था।
फ्लैट की कीमत बढ़ी तो मांगे ज्यादा पैसे
प्रवीण ने 51,000 रुपये टोकन मनी के रूप में अंकुश शर्मा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने 5 लाख रुपये और फिर 2 लाख रुपये 14 मार्च 2024 को अंकुश के खाते में ट्रांसफर किए। इस ट्रांजेक्शन के बाद दोनों ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। बीते 27 अप्रैल को ट्रांसफर ऑफ मेंबरशिप (टीएम) प्रोसेस शुरू हुआ और 10 मई को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से टीएम लैटर प्राप्त हो गया। इसके बाद अंकुश कनाडा चला गया, जिसके कारण रजिस्ट्री नहीं हो सकी। जुलाई के पहले सप्ताह में जब अंकुश कनाडा से वापस आया तो उसने अपने फ्लैट की कीमत में 20 लाख रुपये की वृद्धि की मांग की, जिसे प्रवीण ने अस्वीकार कर दिया। अंकुश बार-बार पैसों की मांग करता रहा, जिससे प्रवीण परेशान हो गया।
हत्या से पहले पिलाई लस्सी
बीते 5 अगस्त 2024 को प्रवीण और संचित साथ में अंकुश के ऑफिस गए। वहां प्रवीण ने 11 लाख रुपये देने के लिए सहमति व्यक्त की। हालांकि, प्रवीण के पास इस राशि को देने के लिए पैसे नहीं थे। उसके बाद 9 अगस्त 2024 को प्रवीण ने अंकुश को फोन कर 11 लाख रुपये देने के बहाने उसके ऑफिस पर बुलाया। प्रवीण ने अपनी गाड़ी की सीट के नीचे एक हथौड़ा छिपाकर रखा और अंकुश के आने का इंतजार किया। जब अंकुश आया तो प्रवीण ने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया और एक लस्सी में एल्प्रैक्स की गोली मिलाकर उसे पिला दी।
हत्या के बाद झाड़ियों में छिपाया शव
अंकुश लस्सी पीकर बेहोश हो गया और प्रवीण उसे सूरजपुर स्थित एसकेए सोसाइटी की पार्किंग में ले गया। वहां पर उसने अंकुश के सिर पर हथौड़े से वार कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद प्रवीण ने अंकुश के मोबाइल फोन से उसके वकील और अंकित को पैसे मिलने के साथ डाक्यूमेंट्स तैयार करने का संदेश भेजा, जिससे किसी को उस पर शक न हो। इसके बाद उसने अंकुश की डेड बॉडी को शारदा गोल चक्कर के पास टी-सीरीज की जमीन के सामने झाड़ियों में छिपा दिया और गाड़ी को धुलवाने के लिए जैतपुर ले गया।
जांच के बाद हुआ खुलासा
अंकुश के परिजनों ने 10 अगस्त 2024 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट बीटा-2 थाने में दर्ज कराई। सीसीटीवी फुटेज की जांच में अंतिम बार अंकुश को प्रवीण के साथ देखा गया, जिसके बाद प्रवीण से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान प्रवीण ने अंकुश की हत्या की बात स्वीकार की है।