Greater Noida News : इस बार होली को लेकर लोग काफी परेशान हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर होली कब है? लोग इसको लेकर परेशान है कि होलिका दहन 6 मार्च का है या फिर 7 मार्च है। वहीं, लोग इसमें भी व्याकुल है कि रंग 7 मार्च को खेला जाएगा या फिर 8 मार्च को खेला जाएगा। तो आइये जानते हैं कि असल में होली कब है।
पंडित प्रेमानन्द कौशिक ने दी पूरी जानकारी
पंडित प्रेमानन्द कौशिक का कहना है कि इस बार होली जैसे महापर्व को लेकर के समाज में बड़ी ही चिंता है। विद्वानों के मत से 7 तारीख को होलिका दहन और 8 तारीख को रंगोत्सव श्रेष्ठ रहेगा। अभिप्राय यह है कि होलीका दहन पूर्णिमासी में किया जाता है और पूर्णिमा 6 तारीख की शाम को 4:16 से प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन उसी समय भद्रा भी प्रारंभ हो जाएगी, जो मृत्युलोक में निवास करती है तो भद्रा के रहते होलिका दहन शुभ विचार नहीं किया जा रहा। द्वितीय कारण कि शास्त्रों में विहित है कि जिस वर्ष पूर्णिमा पहले दिन में प्रदोष काल से पूर्व प्रारंभ होकर के दूसरे दिन प्रदोष काल तक रहे तो दूसरे काल की ही पूर्णमासी मनानी चाहिए।
धर्म की जीत और अधर्म का नाश हुआ
होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है। यह होली, होलिका या होलाका नाम से मनाया जाता था। वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण इसे वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा गया है। इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों में भी इस पर्व का प्रचलन था, लेकिन अधिकतर यह पूर्वी भारत में ही मनाया जाता था। इस पर्व का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में मिलता है। माना जाता है कि इस दिन धर्म की जीत और अधर्म का नाश हुआ।