Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के धूम मानिकपुर गांव के पास करीब 65,000 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कॉलोनी बसाने वाले पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भूमाफिया घोषित कर दिया है। आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' की ओर से यह मुद्दा उठाया गया था। जिस पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने संज्ञान लिया था। अथॉरिटी ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को भूमाफिया घोषित करने की मांग की थी। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने तत्काल एक्शन लिया, लेकिन करीब 10 दिन बीतने के बावजूद अब तक अवैध निर्माण पर कार्यवाही नहीं की गई है। दूसरी ओर जानकारी मिली है कि इस हीला-हवाली का फायदा उठाकर पुरुषोत्तम दास अग्रवाल और उसके गुर्गों ने सिविल कोर्ट से स्थगनादेश हासिल किए हैं। यह स्टे आर्डर अथॉरिटी को सुने बिना अदालत ने दिए हैं।
भूमाफिया घोषित, कानूनी कार्रवाई होगी : डीएम
पुरुषोत्तम एस्टेट से जुड़े मामले पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा, "ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद की ओर से पत्र भेजा गया था। जिसमें अवैध कॉलोनी बसाने वाले पुरुषोत्तम दास को भूमाफिया घोषित करने की मांग की गई। एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स ने एसीईओ की सिफारिश पर 27 अप्रैल को पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को भूमाफिया घोषित कर दिया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई करने के प्रस्ताव भी पास कर दिए हैं। पुरुषोत्तम एस्टेट में सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत मिली है। दादरी के उपजिलाधिकारी ने जांच कर ली है। दादरी तहसीलदार के आदेश पर अवैध रूप से बनाई गई दीवार को तोड़ा गया था। अब प्राधिकरण को अवैध कॉलोनी का ध्वस्तीकरण करना है।
देरी का फायदा उठाकर मिला स्टे ऑर्डर
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने पुरुषोत्तम दास अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी की। जिसके चलते भूमाफिया को कानूनी पेंच फंसाने का पूरा वक्त मिल गया। उसने देरी का फायदा उठाकर गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय से दो स्टे आर्डर लिए हैं। खास बात यह है कि पुरषोत्तम दास और उसके साथियों ने जिस दिन स्थगनादेश लेने के लिए अदालत में आवेदन किया, उसी दिन चंद घंटों में प्राधिकरण को सुने बिना स्टे आर्डर मिल गए। इतना ही नहीं जब इन अर्जियों पर अदालत ने सुनवाई की, उस वक्त ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का कोई वकील अदालत में मौजूद नहीं था। सिविल जज जूनियर डिविजन और सिविल जज सीनियर डिविजन ने यह स्टे आर्डर दिए हैं। स्टे आर्डर देने से पहले अदालत ने प्राधिकरण को नोटिस नहीं भेजा। प्राधिकरण का पक्ष भी नहीं सुना गया। अब इस मामले में 14 मई को सुनवाई होगी।
बादलपुर पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर
पुरुषोत्तम दास अग्रवाल और उसके गुर्गों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर सौदान सिंह ने बादलपुर कोतवाली पुलिस और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस को शिकायत भेजी हैं। पुरुषोत्तम दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस मामले में अब तक बादलपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। बदलपुर के इंस्पेक्टर ने बताया कि पुरुषोत्तम दास के खिलाफ वर्ष 2012 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। लिहाजा, एक ही मामले में दूसरी बार एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे। वर्ष 2012 में दर्ज किए गए मुकदमे में क्या कार्रवाई हुई? यह जानकारी देने से इंस्पेक्टर ने इंकार कर दिया। इतना ही नहीं ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से डीसीपी को पत्र भेजकर पुरुषोत्तम दास पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। उस पर भी अब तक पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में पुरुषोत्तम दास और उसके गुर्गे खुलेआम आम आदमी को लूट रहे हैं।
लखनऊ से पड़ रहा है दबाव : सूत्र
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ से प्रमुख सचिव स्तर का एक आईएएस अफसर और आईपीएस अफसर पुरुषोत्तम दास के लिए पैरवी कर रहे हैं। जिसकी वजह से भूमाफिया के खिलाफ कार्यवाही धीमी चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक भूमाफिया का एक रिश्तेदार उत्तर प्रदेश में बड़ा आईपीएस अफसर है। जिसका फायदा उठाकर यह भूमाफिया अभी तक लोगों को ठगता रहा है। पुरुषोत्तम दास और उसके गुर्गों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद के कई स्थानों में मुकदमे दर्ज हैं। अदालत के आदेशों पर भी एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन अभी तक किसी भी मुकदमे में कोई कार्यवाही इसके खिलाफ नहीं की गई है। सूत्रों का दावा है कि लखनऊ में बैठे रिश्तेदार आईएएस और आईपीएस पुरुषोत्तम दास अग्रवाल को संरक्षण दे रहे हैं।