Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के 4 ब्लॉकों में संचालित करीब 152 परिषदीय स्कूलों में जल्द ही ताले लग सकते हैं, क्योंकि इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से भी कम है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को पास के बड़े स्कूलों में मर्ज करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि, सरकार ने स्कूलों के बंद होने की खबरों का खंडन करते हुए इसे अफवाह करार दिया है। बेसिक शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में 27,000 स्कूलों के बंद होने की खबरें भ्रामक और निराधार हैं।
स्कूलों में छात्रों की कमी पर बढ़ी चिंता, मर्ज की दिशा में उठाए जा रहे कदम
हाल ही में कंचन वर्मा ने गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां कम छात्र संख्या को लेकर उन्होंने चिंता जताई। बीएसए राहुल पंवार ने उन्हें बताया कि कई स्कूल पास-पास स्थित हैं। जिससे छात्रों की संख्या बंट गई है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने छात्रों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही 13 और 14 नवंबर को लखनऊ में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें इस मामले पर चर्चा की जाएगी।
दनकौर और जेवर के स्कूलों में सबसे अधिक मर्जर की संभावना
गौतमबुद्ध नगर जिले के चारों ब्लॉकों में संचालित कुल 511 परिषदीय स्कूलों में से 152 स्कूलों में 50 से भी कम छात्र नामांकित हैं। इनमें 125 प्राथमिक, 10 कंपोजिट, और 17 उच्च प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। दनकौर और जेवर ब्लॉक में स्कूलों का सबसे अधिक मर्जर संभावित है। जबकि दादरी और बिसरख ब्लॉक के कुछ स्कूलों में भी छात्रों की संख्या चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।
नामांकन में गिरावट और प्रभावहीन सरकारी प्रयास
परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस रणनीति नहीं अपनाई गई है। पिछले कुछ वर्षों में नामांकन घटने की प्रवृत्ति देखी गई है, जो इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में छात्रों की संख्या 82,345 थी, जो कि 2024 में घटकर 78,945 रह गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत की थी, लेकिन अभियान का वास्तविक प्रभाव जमीनी स्तर पर नजर नहीं आया।
शिक्षकों की नियुक्ति मानक के अनुसार
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति छात्रों की संख्या के अनुसार मानकों पर आधारित होती है। लेकिन नामांकन में कमी के कारण कई स्कूलों में छात्रों की संख्या शिक्षकों की संख्या से भी कम हो गई है। मानक के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए। जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 छात्रों पर एक शिक्षक का नियम है।
स्कूलों का मर्जर या बंद
बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों की सूची तैयार कर ली गई है और इसे राज्य परियोजना कार्यालय को भेज दिया गया है। अब यह निर्णय लिया जाएगा कि इन स्कूलों को मर्ज किया जाएगा या बंद किया जाएगा।