यमुना एक्सप्रेसवे का सीईओ ने किया दौरा, सुरक्षित यात्रा के लिए 5 सुझाव दिए

खास खबर : यमुना एक्सप्रेसवे का सीईओ ने किया दौरा, सुरक्षित यात्रा के लिए 5 सुझाव दिए

यमुना एक्सप्रेसवे का सीईओ ने किया दौरा, सुरक्षित यात्रा के लिए 5 सुझाव दिए

Tricity Today | सीईओ ने किया दौरा

Greater Noida News : शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने अन्य अधिकारियों एसीईओ मोनिका रानी और एसीईओ रविंदर सिंह और जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के अधिकारियों के साथ यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) का दौरा किया। सीईओ ने आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के सुरक्षा ऑडिट की अनुशंसा पर हुए कार्यों का निरीक्षण किया। जेपी इंफ्राटेक ने यमुना एक्सप्रेसवे पर किए गए सभी उपायों को दिखाया। इस दौरान सीईओ ने यात्रियों के लिए एक्सप्रेसवे को और सुरक्षित बनाने की बात कही। सीईओ ने जेपी इंफ्राटेक के अफसरों को पांच सुझाव दिए हैं।

एक्सप्रेसवे के मीडियन पर 290 किलोमीटर रेलिंग लगी
यमुना एक्सप्रेसवे का दौरा करने के बाद वापस लौटे मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि एक्सप्रेसवे के मीडियन के दोनों ओर रेलिंग लगाने के काम को छोड़कर बाकी सुरक्षा संबंधी उपाय पूर्ण हैं। यह काम जोरों पर है। यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई 165 किलोमीटर है। लिहाजा, मीडियन पर दोनों तरफ 330 किलोमीटर रेलिंग लगाई जा रही है। जेपी ने 290 किलोमीटर काम पूरा कर लिया है। बाकी 40 किलोमीटर रेलिंग लगाने का काम 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। 

एक्सप्रेसवे पर गार्ड रेलिंग लगने से हादसों में कमी आई
सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, "यमुना एक्सप्रेस के मध्य में गार्ड रेल लगने के परिणाम स्वरूप दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने कुछ निर्देश जारी किये थे। उन पर हम काम कर रहे हैं।" आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को हादसे कम करने का आदेश दिया है। इसी सिलसिले में यातायात विभाग, पुलिस, प्रशासन और विकास प्राधिकरण सड़क यातायात को सुरक्षित करने में जुटे हैं।
  1. पैम्फलेट के जरिए सुरक्षित यात्रा के लिए निर्देश : सड़क उपयोगकर्ताओं को वितरित किया जाना चाहिए। पैम्फलेट अधिक आकर्षक और संक्षिप्त जानकारी पूर्ण होने चाहिए। फ़ॉन्ट का आकार बड़ा होना चाहिए।
  2. 10 स्पीड कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि अधिक गति वाले वाहनों को पकड़ा जा सके।
  3. लेजर स्पीड गन की संख्या 3 और बढ़ाई जानी है। पुलिस के साथ इन स्पीड गन के जरिए तेज रफ्तार वाहनों को पकड़ा जा सकता है।
  4. दो टोल प्लाजा बीच औसत गति की रिपोर्ट में वाहन की छवि संलग्न की जानी चाहिए। एनआईसी को चालान के लिए औसत गति के डेटा भी भेजा जाना चाहिए। चालान किए गए वाहनों के विवरण के साथ यातायात पुलिस से एक पावती ली जानी चाहिए। 
  5. ओवरलोड वाले वाहनों का डेटा चलान काटने के लिए पुलिस और आरटीओ के साथ साझा करें।
सीईओ ने एक्सप्रेसवे के कंट्रोल रूम का दौरा किया
सीईओ और अन्य अधिकारियों ने यमुना एक्सप्रेसवे के ट्रैफिक कंट्रोल रूम का दौरा किया। टीम ने देखा कि किस तरह एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को मॉनिटर किया जा रहा है। किसी हादसे के बाद रिस्पांस करने का तरीका क्या है। एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग कार और एंबुलेंस किन-किन पॉइंट पर खड़ी होती हैं। ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा, स्पीड कैमरा और ऑब्जेक्ट डिटेक्शन कैमरा किस तरह काम करते हैं। एक्सप्रेसवे पर उपयोग किए जा रहे सभी उपकरण सही पाए गए।

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