Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लगभग 150 बिल्डरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस निर्णय के तहत ये बिल्डर अब यमुना प्राधिकरण से किसी भी प्रकार की भूमि खरीदने के अधिकार से वंचित हो गए हैं। यह निर्णय यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में रियल एस्टेट उद्योग के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है, जहां केवल वित्तीय रूप से मजबूत और विश्वसनीय खिलाड़ी ही टिक पाएंगे। प्राधिकरण के इस कदम से क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
स्कीम में कुल 25 एकड़ क्षेत्र
दरअसल, बीते 5 जुलाई को यमुना प्राधिकरण ने 11 भूखंडों के आवंटन के लिए एक नई ग्रुप हाउसिंग स्कीम लॉन्च की थी। इस योजना में ब्लैकलिस्ट किए गए बिल्डरों को भाग लेने या आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी। यह ग्रुप हाउसिंग स्कीम कुल 25 एकड़ क्षेत्र में फैली है, जिसमें 11 विभिन्न भूखंड शामिल हैं। इस योजना को क्षेत्र में आवासीय विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ब्लैकलिस्ट का कारण
गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र में स्थित इन बिल्डरों की डिफॉल्टर स्थिति ब्लैकलिस्टिंग का मुख्य कारण है। ये बिल्डर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहे हैं। उन्होंने पूर्व में ग्रुप हाउसिंग स्कीमों के माध्यम से भूखंड प्राप्त किए थे, लेकिन दस वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद वे भूमि की कीमत का भुगतान करने में असफल रहे हैं।
प्राधिकरण की चिंता
यमुना प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, "यह निर्णय बहुत सोच-समझकर लिया गया है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वित्तीय रूप से मजबूत और विश्वसनीय डेवलपर्स ही हमारी योजनाओं में भाग लें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। इस कदम का प्रभाव व्यापक होने की संभावना है। न केवल वर्तमान ग्रुप हाउसिंग स्कीम में, बल्कि भविष्य में आने वाली किसी भी भूखंड आवंटन योजना में भी ये ब्लैकलिस्टेड बिल्डर भाग नहीं ले पाएंगे। यह निर्णय क्षेत्र के रियल एस्टेट बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।"
रियल एस्टेट में फायदा होगा या नुकसान?
स्थानीय रियल एस्टेट विशेषज्ञ राकेश शर्मा के अनुसार, "यह कदम अल्पावधि में कुछ चुनौतियां पैदा कर सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करेगा। यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डालता है। प्राधिकरण की यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत देती है कि वह अपने वित्तीय हितों की रक्षा के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास को भी सुनिश्चित करना चाहता है।"