जानिए कैसे जेवर एयरपोर्ट की बदौलत तीन साल में पांच गुना बढ़ा बजट

100 अरब की यमुना अथॉरिटी : जानिए कैसे जेवर एयरपोर्ट की बदौलत तीन साल में पांच गुना बढ़ा बजट

जानिए कैसे जेवर एयरपोर्ट की बदौलत तीन साल में पांच गुना बढ़ा बजट

Tricity Today | Symbolic

Greater Noida News : जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट डेवलपमेंट का ग्रोथ इंजन साबित होगा, यह दिखने लगा है। केवल यमुना प्राधिकरण के बजट को ही देख लें तो सहज रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान यमुना अथॉरिटी का बजट 5 गुना से ज्यादा बड़ा हो गया है। मंगलवार को यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया है। एक वक्त ऐसा भी था, जब राज्य सरकार यमुना प्राधिकरण के ग्रेटर नोएडा में मर्जर करने की योजना तैयार कर रही थी। अब यमुना प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों में सबसे आगे निकलने की हैसियत में पहुंच गया है।

बोर्ड बैठक में 100 अरब रुपये का बजट पास
मंगलवार को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में 100 अरब रुपये का बजट पास किया गया है। यह यमुना अथॉरिटी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। जिसमें से 9,957 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, अरबन डेवलपमेंट, रूरल डेवलपमेंट और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे पर खर्च होंगे। यमुना प्राधिकरण के इलाकों में किस रफ्तार से विकास योजनाएं चल रहीं हैं, इसका अंदाजा साल दर साल बढ़ रहे बजट से लगाया जा सकता है। महज तीन वर्षों में यमुना अथॉरिटी का बजट पांच गुना से ज्यादा बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में बजट 1,950 करोड़ रुपये था। जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 5,844 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अब अगले फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए बजट 9,992 करोड़ रुपये हो गया है।

आय 222% ज़्यादा होने का अनुमान
बजट के बारे में यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में विस्तार से जानकारी दी है। अरुण वीरसिंह ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए मंगलवार को बोर्ड बैठक में बजट पेश किया गया। बजट प्रस्तावों को बोर्ड ने मंज़ूरी दे दी है। अगले वित्त वर्ष के लिए 9,992.24 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान पारित किए गए हैं। भूमि आवंटन के जरिए 7,635 करोड़ रुपये की आय होगी। यह पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 102 प्रतिशत ज़्यादा रहने का अनुमान है। लीज़ रेंट और दूसरे शुल्कों से 706 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है। यह पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 222% ज़्यादा होने का अनुमान है। विकास योजनाओं को रफ़्तार देने के लिए प्राधिकरण एडवांस और लोन लेगा। सीईओ ने बताया 1,650 करोड़ रुपये अग्रिम और ऋण लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस तरह अगले वित्त वर्ष के दौरान 9,992.24 करोड़ रुपये अथॉरिटी अर्जित करेगी।

किसानों को मिलेंगे 6,063 करोड़ रुपये
सीईओ ने बताया कि बजट में 9,957.21 करोड़ रुपये के व्यय प्रस्ताव हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए सबसे बड़ा बजट रखा गया है। गौतमबुद्ध नगर से आगे बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिलों में भूमि अधिग्रहण होगा। वहां आवासीय और औद्योगिक विकास योजनाएं मूर्त रूप लेंगी। ऐसे में यमुना प्राधिकरण का पूरा जोर भूमि अधिग्रहण पर रहेगा। जिसके लिए 6,063 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मतलब, अगले वित्त वर्ष के दौरान यमुना प्राधिकरण किसानों को कम से कम छह हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। मतलब, 100 अरब रुपये के बजट में से 60 अरब रुपये किसानों को मिलेंगे। जिससे उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में हजारों किसान मालामाल हो जाएंगे। चालू वित्त वर्ष की तुलना में 227% ज्यादा पैसा भूमि अधिग्रहण पर खर्च होने वाला है।

एनसीआर का हर रास्ता जेवर एयरपोर्ट जाएगा
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जेवर इलाके में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। इसका पहला फेज पूरा होने वाला है। जल्दी दूसरे फेज पर काम शुरू हो गया है। हवाईअड्डा परियोजना में यमुना प्राधिकरण 17.5 प्रतिशत का हिस्सेदार है। इस बजट से 702 करोड़ रुपये एयरपोर्ट को दिए जाएंगे। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी तैयार की जा रही है। मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

तेजी से खत्म हो रहा है कर्ज
सीईओ ने आगे बताया कि नए कर्ज लिए जाएंगे लेकिन पुराने कर्ज तेजी से खत्म हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न बैंकों से 300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार से 3,779 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण लिया है। साथ-साथ प्राधिकरण ने 555 करोड़ रुपये ऋण बैंकों को लौटाया है। अगले वित्त वर्ष में प्राधिकरण 655 करोड़ रुपये का कर्ज़ वापस लौटाएगा। नए औद्योगिक और आवासीय सेक्टरों का विकास चल रहा है। इसके लिए 1,948.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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