यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह, जेवर एयरपोर्ट की खासियतों का पूरा खुलासा

EXCLUSIVE INTERVIEW : यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह, जेवर एयरपोर्ट की खासियतों का पूरा खुलासा

यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह, जेवर एयरपोर्ट की खासियतों का पूरा खुलासा

Tricity Today | EXCLUSIVE INTERVIEW

Greater Noida : यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह के कार्यकाल में अनेक विकास क्षेत्र में हुए हैं। इनकी बदौलत नोएडा एयरपोर्ट और फिल्म सिटी समेत यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इंडस्ट्री को बल मिला है। अरुणवीर सिंह ने यमुना प्राधिकरण में बतौर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कार्यभार ग्रहण किया था तो यह सरकारी निकाय करीब 4 हज़ार करोड़ रुपया के कर्ज़ में था। घोटालों और गड़बड़ी के आरोपों से घिरा हुआ था। कर्मचारियों और अधिकारियों को छह-छह महीने से वेतन नहीं मिल रहा था। प्राधिकरण के कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाने के लिए मजबूर थे। इन सभी सवालों का जवाब तलाशने के लिए उत्तर प्रदेश टाइम्स के चीफ एडिटर पंकज पाराशर ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह से खास बातचीत की है। देखिए पूरा वीडियो।

6 वर्षों से यमुना अथॉरिटी की कमान संभाल रहे हैं सीईओ
अब यमुना प्राधिकरण न केवल कर्ज से उबर कर सामने आया है बल्कि मुनाफे वाला सरकारी महकमा बन गया है। इसलिए सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद आईएएस अधिकारी हैं। वह करीब 6 वर्षों से यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। करीब तीन साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनकी साफ छवि और ईमानदारी के चलते उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 साल से सेवा विस्तार दे रहे हैं।

लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी दर्ज
डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने केवल 23 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा ज्वाइन की थी। अपनी शानदार कार्य प्रणाली के चलते उन्हें आईएएस के तौर पर पदोन्नत किया गया। वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भी विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। वह अकेले आईएएस अफ़सर हैं, जो दो बार यमुना प्राधिकरण के सीईओ नियुक्त किए गए। उनके नाम सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है, जिसे भविष्य में तोड़ पाना आसान नहीं होगा। जहां एक तरफ़ गौतमबुद्ध नगर के किसान लगातार विकास प्राधिकरणों के खिलाफ़ आंदोलित रहते हैं, वहीं यमुना अथॉरिटी ने पिछले एक दशक के दौरान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश भर में सबसे बड़ा भूमि अधिग्रहण ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए किया है। अरुणवीर सिंह की कुशल कार्यप्रणाली की बदौलत इलाके के किसानों ने ख़ुशी से आगे बढ़कर अपनी ज़मीनें हवाई अड्डा परियोजना को दी हैं।

वर्ष 2006 में पीसीएस से बने आईएएस
डॉ.अरुणवीर सिंह उत्तर प्रदेश लोक सेवा के प्रशासनिक अफसर थे। वर्ष 2006 में प्रोन्नत होकर आईएएस बने। करीब चार वर्षों से यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी थे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम शुरू करने के लिए सरकारी कम्पनी नाइल (Noida International Airport Authority Limited) बनी तो उसके भी सीईओ बनाए गए। अरुणवीर सिंह की गिनती उन चुनिंदा अफसरों में है, जो ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।

पहले तैयार नहीं हुए थे डॉ.अरुणवीर सिंह
वर्ष 1959 में जन्मे डॉ.अरुणवीर सिंह 30 जून 2019 को 60 वर्ष की आयु पूरी करके रिटायर हो गए, लेकिन उनके काम और ईमानदारी को देखते हुए यूपी सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया था। जब वर्ष 2019 में उसके सेवा विस्तार की बात आई तो डॉ.अरुणवीर सिंह तैयार नहीं हुए थे। दरअसल, उस समय जेवर एयरपोर्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही थी। अरुणवीर सिंह का मानना था कि अगर वह केवल छह माह का सेवा विस्तार लेंगे तो उनके बारे में गलत धारणा बनेगी कि शायद एयरपोर्ट के टेंडर को लेकर ऐसा किया गया। लिहाजा, यूपी सरकार ने उन्हें दो वर्ष के लिए पुनर्नियुक्ति देने का निर्णय लिया था। वर्ष 2019 से अब तक लगातार योगी सरकार उनका सेवा विस्तार कर रही है।  

योगी आदित्यनाथ की मंशा से ज्यादा हुआ काम
यूपी सरकार की मंशा है कि एक अच्छे अफसर की मौजूदगी में जेवर एयरपोर्ट का अधिकांश काम निपटा जाए, लेकिन डॉ.अरुणवीर सिंह के होते हुए एयरपोर्ट बनकर तैयार होने वाला है। आज के समय में कोई एक रुपये तक का नोएडा एयरपोर्ट में गोलमाल साबित नहीं कर सकता और यह बात योगी सरकार को भी अच्छे से पता है। इसी ईमानदारी के लिए योगी आदित्यनाथ उन पर लगातार विश्वास कर रहे हैं।

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