यमुना प्राधिकरण के अफसर और बाबू दबाकर बैठे थे 4,500 फाइलें, जानिए सीईओ ने क्या किया

खास खबर : यमुना प्राधिकरण के अफसर और बाबू दबाकर बैठे थे 4,500 फाइलें, जानिए सीईओ ने क्या किया

यमुना प्राधिकरण के अफसर और बाबू दबाकर बैठे थे 4,500 फाइलें, जानिए सीईओ ने क्या किया

Tricity Today | सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह

  • आवंटियों को देने के बजाय फाइलों में दबे हैं 4,500 लीज प्लान
  • सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने दफ्तरों में पहुंचकर औचक छापेमारी की
  • प्राधिकरण के दफ्तरों में गैरहाजिर मिले 28 कर्मचारी और अधिकारी
  • सभी का वेतन काटने का आदेश, निलंबन और बर्खास्तगी भी होगी
Greater Noida : आम आदमी को परेशान करने के तरीके अफसर और बाबू निकाल ही लेते हैं। यमुना प्राधिकरण में ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अथॉरिटी से प्रॉपर्टी लेने वाले आवंटियों की 4,500 फाइलें अफसर और बाबू दबाकर बैठे थे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया। 28 कर्मचारी नदारद मिले। इन सभी का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। सभी विभागों की फाइलों की जांच की गई। नियोजन विभाग में 4,500 लीज प्लान मिले हैं। ये लीज प्लान आवंटियों को नहीं भेजे गए। अब इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी।

गुरुवार को अचानक प्राधिकरण के दफ्तरों में पहुंच गए सीईओ
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने गुरुवार को दफ्तर का औचक निरीक्षण किया। वह भूलेख विभाग, संपत्ति विभाग, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, परियोजना विभाग में जाकर सभी पटल का निरीक्षण किया। यहां की फाइलों का अवलोकन किया। सीईओ अपने साथ करीब 30 फाइलें भी ले गए। इन फाइलों की जांच की जाएगी। यह देखा जाएगा कि कब से यहां पर फाइल अटकी पड़ी हैं। फाइलों को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है? इस निरीक्षण में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। नियोजन विभाग में करीब 4.5 हजार लीज प्लान मिले हैं। ये लीज प्लान आवंटियों को नहीं भेजे गए।

लीज प्लान नहीं मिले तो प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई
रजिस्ट्री कराने से पहले आवंटियों को लीज प्लान भेजा जाता है। ताकि, वह रजिस्ट्री करा सकें। उसके लिए समय भी तय होता है। अगर समय के बाद रजिस्ट्री कराई जाती है तो जुर्माना लगता है। अब ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार लटक गई है। रजिस्ट्री के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन विभागों में फाइल दबी पड़ी हैं। इसके चलते उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। कई मामले तो 1 से 2 साल के पुराने हैं। वारिसान के लिए 2016 और 2018 में आवेदन आए, लेकिन अब तक अपडेट नहीं किया गया। वारिसान के लिए 2021 में आए आवेदन को भी नहीं निपटाया गया। इसके चलते आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों की फाइलें भी दबाकर रखी गईं
आच्छेपुर गांव के किसानों के आबादी के भूखंड देने हैं। इनकी अनुमति पिछले साल अप्रैल में मिल चुकी है। किसानों की अंतिम सूची दो बार प्रकाशित हो चुकी है, लेकिन फाइल को दबाए रखा गया। भुन्ना तगा गांव में किसानों की रजिस्ट्री प्राधिकरण ने करा ली, लेकिन उनका दाखिल खारिज नहीं कराया। करीब 84 किसानों का दाखिल खारिज नहीं कराया गया। अगर किसान चाहे तो फिर उसकी रजिस्ट्री किसी और को कर सकते हैं। क्योंकि राजस्व विभाग में अभी किसान का ही नाम दर्ज है। किसानों की आने वाली शिकायतों के लिए रजिस्टर बनाया गया है। धनौरी के रिजस्टर में पिछले साल नंबवर से कोई आवेदन दर्ज नहीं है।

प्राधिकरण दफ्तरों में 28 कर्मचारी नदारद मिले
सीईओ के औचक निरीक्षण में 28 कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए। इसमें परियोजना के 8, संपत्ति के 3, विधि के 1, वित्त के 5, कार्मिक के 2, मार्केटिंग के 1, सीआर सेल के 1, भूलेख के 2, नियोजन के 1 समेत 28 कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। सीईओ ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।

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