Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण ने नए सेक्टरों के विकास के लिए एक नया मॉडल अपनाने का फैसला किया है। अब तक यहां छोटे ठेकेदारों को सेक्टर विकास के अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग ठेके दिए जाते थे, लेकिन इस प्रणाली में कई खामियां सामने आई हैं।
केवल 30-40 प्रतिशत काम होता है
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि छोटे ठेकेदार काम की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही बरतते हैं और कम दरों पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते हैं। इससे प्राधिकरण को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि छोटे ठेकेदारों द्वारा लगाए गए बिल का मूल्य केवल 30-40 प्रतिशत होता है।
प्राधिकरण ने नई योजना तैयार की
इन समस्याओं से निपटने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एक नई योजना तैयार की है। अब जब भी कोई नया सेक्टर विकसित किया जाएगा, तो उसके पूरे विकास की जिम्मेदारी एक बड़ी निर्माण कंपनी को सौंपी जाएगी। यह कंपनी सेक्टर में बिजली, पानी, सड़कें, नालियां और पार्क आदि सभी बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी।
कार्य में कोई समझौता नहीं
डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि विकास कार्य पूरा होने के बाद भी यही कंपनी पांच साल तक सेक्टर का रखरखाव करेगी। इससे गुणवत्ता कायम रहेगी और प्राधिकरण को भी लगातार ठेकेदारों को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नए मॉडल से विकास गतिविधियों को एक समग्र दृष्टिकोण मिलेगा और लागत में भी कमी आएगी। हालांकि, कुछ लोग इस योजना पर संदेह जता रहे हैं क्योंकि पिछले अनुभवों से ठेकेदारों की बदनामी का पता चलता है, लेकिन प्राधिकरण का कहना है कि वह इस बार सख्त निगरानी रखेगा और कोई समझौता नहीं होगा।