अलीगढ़ के इन गांवों के लिए खुशखबरी, यमुना प्राधिकरण जमीन लेकर लॉजिस्टिक हब बसाएगा

Yamuna Authority : अलीगढ़ के इन गांवों के लिए खुशखबरी, यमुना प्राधिकरण जमीन लेकर लॉजिस्टिक हब बसाएगा

अलीगढ़ के इन गांवों के लिए खुशखबरी, यमुना प्राधिकरण जमीन लेकर लॉजिस्टिक हब बसाएगा

Tricity Today | यमुना प्राधिकरण | File Photo

Greater Noida : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के दायरे में पड़ने वाले अलीगढ़ के गांव के लिए अच्छी खबर है। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे टप्पल में 160 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर विकसित होगा। अथॉरिटी की सलाहकार कंपनी डिलाइट ने शुक्रवार को सर्वे रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। पीपीपी मॉडल वाली इस परियोजना में प्राधिकरण को प्रीमियम और लाभांश में हिस्सेदारी मिलेगी। भूमि अधिग्रहित करके डेवलपर को सौंपने की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण की होगी।

यमुना प्राधिकरण को प्रोजेक्ट में करना पड़ा बदलाव
इस लॉजिस्टिक पार्क योजना में 10 और 20 एकड़ के भूखंड होंगे। अगले 15 दिन में इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो जाएगी। इसके बाद विकासकर्ता कंपनी के चयन के लिए वैश्विक निविदा निकाली जाएगी। इसे जेवर एयरपोर्ट के साथ-साथ शुरू करने की तैयारी है। इस परियोजना में लैंड पूलिंग करके जमीन ली जाएगी। अगर किसान तैयार नहीं हुए तो फिर जमीन खरीदी जाएगी। पहले यह हब 350 हेक्टेयर में विकसित होना था। यह जमीन टप्पल नगर पंचायत में चली गई है। लिहाजा, उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना अथॉरिटी फैसला बदलना पड़ा। प्राधिकरण ने सरकार में अपील करके जमीन वापस मांगी है। अगर यह जमीन दोबारा अथॉरिटी को मिलती है तो इसमें भी लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रोजेक्ट में ले रही हैं दिलचस्पी
आपको बता दें कि जेवर में शुरू होने वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को ध्यान में रखते हुए टप्पल के नजदीक विकसित होने वाला यह लॉजिस्टिक्स पार्क बेहद महत्वपूर्ण होगा। यही वजह है कि इस लॉजिस्टिक्स पार्क में तमाम नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों की दिलचस्पी है। अदानी समूह से लेकर फेडेक्स और मरेक्स जैसी कंपनियां यहां भूखंड लेना चाहती हैं। उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क को पहले कमर्शियल कैटेगरी में रखा गया था। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और ईस्टर्न-वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के कारण पैदा हुई संभावनाओं को भुनाने के लिए राज्य सरकार ने करीब 2 साल पहले अपनी नीति में बदलाव किया। लॉजिस्टिक्स प्रोजेक्ट को कमर्शियल कैटेगरी से निकालकर इंडस्ट्रियल कैटेगरी में शामिल किया गया है। इससे प्रोजेक्ट की लागत काफी हद तक कम हो गई है। इस बदलाव के बाद से तमाम कंपनियां उत्तर प्रदेश आने के लिए लालायित हैं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.