Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) इस साल बड़े वित्तीय दबाव का सामना कर रही है, जिसमें खर्च अधिक और आमदनी कम होने के संकेत मिले हैं। दो दिन बाद होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस वित्तीय असंतुलन पर एक प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें प्राधिकरण की आय और व्यय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाएगा।
खर्चों में भारी वृद्धि, आय में गिरावट
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल अप्रैल से अगस्त की अवधि में प्राधिकरण ने अपने खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि की है। पिछले साल इसी अवधि में प्राधिकरण ने 786 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 1,301 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसके विपरीत, प्राधिकरण की आय में कमी आई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले कमजोर रही है।
जमीन की खरीद में बड़ा निवेश
इस वित्तीय असंतुलन का एक प्रमुख कारण जमीन की खरीद पर हुआ अतिरिक्त खर्च है। पिछले वर्ष, प्राधिकरण ने जमीन की खरीद पर 362 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जबकि इस साल यह खर्च बढ़कर 792 करोड़ रुपए हो गया है। यह स्पष्ट करता है कि प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण पर विशेष जोर दिया है, जो कि ज़ेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी हो सकता है।
नोएडा एयरपोर्ट पर बढ़ा खर्च
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण पर भी इस साल अधिक खर्च हुआ है। पिछले वर्ष एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर 164 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, जबकि इस वर्ष यह राशि बढ़कर 204 करोड़ रुपए हो गई है। एयरपोर्ट के विकास को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने इस परियोजना पर अपनी वित्तीय प्रतिबद्धता बढ़ाई है, जिससे प्राधिकरण के खर्च में और वृद्धि हुई है।
बोर्ड बैठक में अहम फैसले की उम्मीद
प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में इस वित्तीय स्थिति को लेकर अहम चर्चा होगी। प्राधिकरण के अधिकारी इस वित्तीय वर्ष में आय और व्यय के बीच असंतुलन को दूर करने के उपायों पर विचार कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जमीन की खरीद और बड़े प्रोजेक्ट्स में हो रहे निवेशों के कारण आने वाले समय में भी प्राधिकरण को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
खर्चों में भारी वृद्धि और आय में कमी
प्राधिकरण के पास वर्तमान समय में कई बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और औद्योगिक विकास हैं, जिनके लिए अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी। इस स्थिति में प्राधिकरण को अपनी आय बढ़ाने के लिए नए स्रोतों की तलाश करनी होगी ताकि खर्चों को नियंत्रित किया जा सके और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। कुल मिलाकर, यमुना प्राधिकरण की वर्तमान वित्तीय स्थिति में खर्चों में भारी वृद्धि और आय में कमी दर्ज की गई है। आगामी बोर्ड बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है, जिसमें प्राधिकरण के भविष्य की वित्तीय रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।