ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल में सैकड़ों फर्जी पट्टों के एग्रीमेंट सामने आए

चिटहेरा के बाद खंडेरा गांव के किसानों को शिकार बनाता यशपाल तोमर गैंग : ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल में सैकड़ों फर्जी पट्टों के एग्रीमेंट सामने आए

ट्राईसिटी टुडे की पड़ताल में सैकड़ों फर्जी पट्टों के एग्रीमेंट सामने आए

Tricity Today | चिटहेरा के बाद खंडेरा गांव के किसानों को शिकार बनाता यशपाल तोमर गैंग

Greater Noida News : चिटहेरा गांव के किसानों को लूटने के बाद अंतरराज्यीय भू-माफिया यशपाल तोमर और उसका गैंग यहीं थामने वाले नहीं था। उन्होंने चिटहेरा गांव में सफल रहे लूट-खसोट के मॉडल को दादरी इलाके के दूसरे गांवों में भी लागू किया। आपके पसंदीदा न्यूज पोर्टल ट्राईसिटी टुडे (Tricity Today) की पड़ताल में सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं। यशपाल तोमर और उसके गैंग में शामिल आईएएस, आईपीएस अफसरों के रिश्तेदार, बड़े बिजनसमैन और फाइनेंसर चिटहेरा के बाद पड़ोसी गांव खंडेरा में अरबों रुपये की जमीन हड़पने की साजिश रच चुके थे। खंडेरा में भी रद्द हो चुके फर्जी पट्टे यह गैंग 'एग्रीमेंट टू सेल' के जरिये खरीद चुका है। सैकड़ों बीघा जमीन के 'एग्रीमेंट टू सेल' रजिस्टर्ड करवाए हैं।

खंडेरा में भी सामने आए चिटहेरा वाले किरदार
खंडेरा गांव के किसानों के साथ हुए 70 एग्रीमेंट्स ट्राईसिटी टुडे ने हासिल किए हैं। इनके ब्यौरे का विश्लेषण करने पर 7 लोगों और 2 कंपनियों की भूमिका सामने आई है। यह वही सारे किरदार हैं, जिन्होंने चिटहेरा गांव के किसानों पर जुल्म ढहाया है।
  1. अश्विनी कुमार भाखरी : अश्विनी कुमार भाखरी हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले में धारूहेड़ा कस्बे के रहने वाले हैं और उत्तराखंड कैडर में तैनात आईपीएस अफसर राजीव स्वरुप के ससुर हैं। चिटहेरा भूमि घोटाले में राजीव स्वरुप की मां सरस्वती देवी आरोपी थीं। उनके खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने सरस्वती देवी को क्लीन चिट दे दी है। अब खंडेरा में अश्विनी कुमार के नाम पट्टों के 6 एग्रीमेंट सामने आए हैं।
  2. एम भास्करन : एम भास्करन उत्तराखंड कैडर में तैनात आईएएस अफसर मीनाक्षी सुंदरम के ससुर हैं। मीनाक्षी सुंदरम फिलहाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सचिव हैं। चिटहेरा भूमि घोटाले में एम भास्करन शामिल हैं। भास्करन के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्हें पुलिस ने क्लीन चिट दी है। अब खंडेरा गांव में एम भास्करन के नाम पट्टों के 8 एग्रीमेंट सामने आए हैं।
  3. ईशान चौधरी : ईशान चौधरी पंजाब में पटियाला के रहने वाले हैं।  वह पंजाब काडर में आईपीएस रहे रोहित चौधरी के बेटे हैं। रोहित चौधरी गाजियाबाद के मूल निवासी हैं। वह पंजाब पुलिस में अपर पुलिस महानिदेशक के पद से रिटायर हुए हैं। रोहित चौधरी जब बठिंडा और राजपुरा सेक्टर में पोस्ट रहे थे, उसी दौरान चिटहेरा गांव के किसानों के खिलाफ वहां कई फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए थे।इसी एवज में चिटहेरा और खंडेरा में ईशान चौधरी को यशपाल तोमर गैंग ने जमीन दी हैं। इस बिंदु पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने आज तक जांच नहीं की है।
  4. एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड : यह कंपनी दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले में वेस्ट नाथू कॉलोनी के पते पर रजिस्टर्ड है। कंपनी के तीन निदेशक राजेश कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और विनोद हैं।चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर गैंग से इस कंपनी के डायरेक्टर राजेश कुमार शर्मा के तार जुड़े मिले हैं।गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने राजेश कुमार शर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।राजेश शर्मा को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने जमानत दी।इस जमानत पर एक सामाजिक संगठन ने आपत्ति जताते हुए जिला जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजी है।अब खंडेरा गांव में इस कंपनी के नाम पट्टों की जमीनों के सबसे ज्यादा 25 एग्रीमेंट सामने आए हैं।इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस कंपनी ने ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए बड़े पैमाने पर जमीनों के एग्रीमेंट किए हैं। इस कंपनी की गहराई से जांच करने की आवश्यकता है।जिस तरह चिटहेरा में त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी की भूमिका सामने आयी थी और उस कम्पनी को भू-माफिया घोषित किया गया, इसी तरह एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को भी भू-माफिया घोषित किया जाना चाहिए।
  5. पवन कुमार : पवन कुमार गुप्ता दिल्ली में नाथू कॉलोनी के रहने वाले हैं।वह एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर हैं।खास बात यह है कि पवन कुमार ने बड़े पैमाने पर कंपनी के लिए ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी बनकर खंडेरा गांव में जमीन खरीदी है। साथ ही अपने नाम भी सीधे जमीनों के एग्रीमेंट किए हैं।पवन कुमार ने बतौर ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी 25 एग्रीमेंट किए हैं। जबकि, अपने नाम पर सीधे 11 एग्रीमेंट किए हैं।
  6. सचिन शर्मा : सचिन शर्मा गाजियाबाद के रहने वाले कारोबारी हैं।आईएएस अफसर मीनाक्षी सुंदरम के करीबी बताए जाते हैं।चिटहेरा में सचिन और उनके भाई विकास के नाम कई एग्रीमेंट और रजिस्ट्री सामने आई हैं। यशपाल तोमर एंड गैंग और सचिन शर्मा के बीच करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है।पैसा घुमाने के लिए बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुए हैं, लेकिन गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस तरफ जांच करना मुनासिब नहीं समझा है। जांच अधिकारी ने जान बूझ कर छोड़ दिया है।अब खंडेरा गांव में सचिन शर्मा के नाम पट्टों की जमीन के 10 एग्रीमेंट सामने आए हैं।
  7. गिरिश वर्मा : यह उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में अकबरपुर के रहने वाले हैं। यूपी के मुख्य सचिव रह चुके रिटायर आईएएस का बेहद करीबी है।गिरीश वर्मा पर भी चिटहेरा भूमि घोटाले में मुकदमा दर्ज हुआ है। एफआईआर में उसका 8वां नंबर है। वर्मा के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है।आरोप है कि उसने अधिकारियों से सांठ-गांठ करके पट्टों को बहाल करवाया।इसके बाद जमीन को संक्रमणीय घोषित करवाने में भूमिका निभाई।अब चिटहेरा के बाद खंडेरा में गिरीश वर्मा के नाम पट्टों की जमीन के 2 एग्रीमेंट सामने आए हैं।
  8. आर्यनवीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड : खंडेरा गांव में आर्यनवीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने पट्टे की जमीन किसानों से खरीदी है। आर्यन वीर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड ने मालू पुत्र वीरेंद्र अथॉराइज्ड सिग्नेटरी बनाकर जमीन खरीदी। मालू चिटहेरा भूमि घोटाले का मुख्य किरदार है। वह भू-माफिया यशपाल तोमर का मुखौटा है। चिटहेरा भूमि घोटाले में शरीक होने के कारण उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वह फिलहाल गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में बंद है। इस कंपनी के दो डारेक्टर हैं। एक डारेक्टर मालू और दूसरी डारेक्टर अंजना सिंह है। आपको बता दें कि अंजना सिंह भू-माफिया यशपाल तोमर की पत्नी है।
यशपाल तोमर एंड गैंग से कनेक्शन
खंडेरा में पट्टों की जमीन के यह एग्रीमेंट्स चिटहेरा भूमि घोटाले का पार्ट-2 है। दरअसल, चिटहेरा की कामयाबी को यशपाल तोमर और उसके गैंग ने खंडेरा में दोहराने की कोशिश की। यशपाल तोमर का सबसे करीबी और मुखौटा मालू पुत्र वीरेंद्र है। खंडेरा में पट्टों की जमीनों के उपरोक्त एग्रीमेंट में मालू का मोबाइल नंबर 9311662598 दादरी के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर्ड हुई डीड्स में लिखवाया गया है। इन सारी डीड्स का ब्यौरा ट्राईसिटी टुडे के पास उपलब्ध है। एम भास्करन, सचिन शर्मा, गिरीश वर्मा, ईशान चौधरी और अश्विनी कुमार भाखरी के नाम दर्ज एग्रीमेंट्स में यही मोबाइल नंबर है। मालू और यशपाल तोमर गैंग के दूसरे सदस्य इन डीड में गवाह हैं। लिहाजा, साफ है कि यह सारा गैंग है और इनमें कोई सामान्य भूमि क्रेता नहीं है।

ट्राईसिटी टुडे की प्रशासन और पुलिस से अपील
  1. एग्रीमेंट्स रद्द होने चाहिए : खंडेरा में पट्टों की जमीन से जुड़े इन एग्रीमेंट्स की वैधानिकता की जांच की जाए। अगर इनकी समयावधि व्यतीत नहीं हुई है तो इन्हें तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।
  2. चिटहेरा भूमि घोटाले में प्रोटेस्ट पिटीशन डाले प्रशासन : इस गठजोड़ से साबित होता है कि चिटहेरा भूमि घोटाले में आरोपी एम भास्करन, केएम संत और सरस्वती देवी सामान्य भूमि क्रेता नहीं हैं। उनकी और उनके रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस अफसरों की गंभीर संलिप्तता इस घोटाले में है। जिला प्रशासन ने एडीएम (एफआर) की गहन जांच रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने गलत ढंग से इन तीन अभियुक्तों को क्लीन चिट दी है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वर्ष में ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया है। सरकारी वकील को तीनों अभियुक्तों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ प्रोटेस्ट पिटिशन ट्रायल कोर्ट में दाखिल करना चाहिए।
  3. चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच जल्दी पूरी हो : गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी है। यह गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन की केस प्रॉपर्टी है। लिहाजा, जांच जल्दी से जल्दी पूरी करने के लिए पुलिस आयुक्त से समन्वय स्थापित किया जाए।
  4. सरकारी जमीन राज्य वापस निहित करें : चिटहेरा गांव में हड़पी गई सरकारी जमीन वापस राज्य सरकार में निहित करने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की गई है। जल्दी से जल्दी यह प्रक्रिया पूरी करें।
  5. किसानों को जमीन वापस लौटाई जाए : चिटहेरा गांव के जिन किसानों से यशपाल तोमर गैंग ने जबरन जमीन हड़पी है, उनकी जमीन के बैनामे रद्द करवाए जाएं। किसानों के पास बैनामे रद्द करवाने के लिए लाखों रुपये बतौर कोर्ट फीस उपलब्ध नहीं है। ये किसान अनुसूचित जाति, पिछड़े, महिलाएं और नाबालिग हैं।
  6. एक साल में केस ट्रायल पूरा हो : जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि उच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़े मुकदमे का ट्रायल एक वर्ष में पूरा करवाया जाए।
  7. जांच अधिकारी की भूमिका जांची जाए : चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच कर रहे पुलिस वालों ने गलत ढंग से तीन आरोपियों को एफआईआर से क्लीन चिट दी हैं। इस तरह के गंभीर मामले की जांच सतही तौर पर की है। जांच अधिकारी की लापरवाही की जांच की जानी चाहिए।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.