Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि अब रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी इस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीईओ से भी ऊपर हो गए हैं। किसानों को प्लॉट देने का आदेश सीईओ रितु माहेश्वरी द्वारा जारी हो गया है। उसके बावजूद भी प्लॉट देने के एवज में अधिकारी व कर्मचारी पैसों की मांग कर रहे हैं। चिंताजनक विषय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष खुद पीड़ित हैं।
क्या है पूरा मामला
हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष और बिरोड़ी गांव के निवासी चैनपाल प्रधान ने ट्राईसिटी टुडे से बातचीत करते हुए बताया कि करीब 22 साल पहले ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी ने जमीन अधिग्रहण की थी, लेकिन 22 साल से 6 प्रतिशत आबादी के प्लाॅट लगवाने के लिए किसान दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। चैनपाल प्रधान ने बताया कि ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने 2 फरवरी 2023 को प्लाॅट लगाने के लिए अनुमोदन कर दिया था। उसके बाद 26 अप्रैल 2023 को आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद भी प्लाॅट नहीं लगाए गए हैं।
गरीब किसान कैसे दें रिश्वत
बिरोड़ी गांव के किसानों का आरोप है कि प्लाॅनिंग और 6 प्रतिशत आबादी विभाग के अफसर एक हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से रिश्वत की मांग कर रहे है। गरीब किसान इतनी बडी रिश्वत देने सक्षम नहीं है। गरीब किसान एक हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से कहा से रिश्वत नहीं दे सकते।
योगी आदित्यनाथ को भी भेजा था पत्र, लेकिन
चैनपाल प्रधान ने कहना है कि इस तरीके से ऐसा लगता है कि अब प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी सीईओ रितु माहेश्वरी से ऊपर हो गए हैं। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजा। उसके बावजूद भी किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।