Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर के लाखों किसानों के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का आदेश देते हुए कहा है कि जमीन लेते वक्त किसी भी किसान को परेशानी नहीं होनी चाहिए। पहले पूरी तरीके से किसानों से जमीन ली जाए और फिर उसके बाद ही उद्योगपतियों को आवंटित की जाए जब तक पूरी तरीके से किसानों से जमीन नहीं ली जाती, तब तक किसी भी उद्योगपति को जमीन नहीं दी जाएगी। इसके अलावा जब तक जमीन का पैसा किसान के खाते में नहीं पहुंच जाता, तब तक वह जमीन किसान की मानी जाएगी और उस जमीन पर किसी और का हक नहीं माना जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने क्या फैसला सुनाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "सामान्य तौर पर विकास प्राधिकरण उद्योगों को जमीन आवंटित कर रहे हैं। जबकि वह जमीन किसानों के मालिकाना हक में है। जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है या सीधे किसान से खरीदी नहीं गई है। इससे विवाद उत्पन्न होता है। एक तरफ उद्योग लगाने वाले को परेशानी होती है तो दूसरी तरफ किसान की नजर में सरकार और विकास प्राधिकरण की छवि खराब होती है। इस तरह की व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है। पहले किसानों को उनका हक देकर जमीन लें और फिर उद्योगों को आवंटित करें। किसान इससे जमीन लिए बिना किसी भी उद्योग को आवंटित नहीं की जाए।"
ग्रेटर नोएडा की समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश
आपको बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा आए थे। उन्होंने ग्रेटर नोएडा में स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में समीक्षा बैठक की थी। समीक्षा बैठक के दौरान जिले के सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान किसानों की समस्याओं का मुद्दा भी उठाया गया। तभी योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला सुनाया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "गौतमबुद्ध नगर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलवाने में यहां के किसानों का अहम योगदान है। जिस जमीन पर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन रहा है, उस जमीन को किसानों ने दिया है। इसलिए गौतमबुद्ध नगर की किसी भी किसान को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।"