राजपूत और गुर्जरों की तकरार में ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा, महसूस कर रहे अपमान

दादरी में योगी : राजपूत और गुर्जरों की तकरार में ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा, महसूस कर रहे अपमान

राजपूत और गुर्जरों की तकरार में ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा, महसूस कर रहे अपमान

Tricity Today | डॉ. महेश शर्मा, श्रीचंद शर्मा और आशीष वत्स

Greater Noida News : दादरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार की दोपहर सम्राट मिहिरभोज की प्रतिमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम को लेकर राजपूत और गुर्जरों में विवाद चल रहा है। इस विवाद में ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा की गई। जिससे जिले का ब्राह्मण समाज खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं पूरी तरह हावी रहीं। किसी को बैठने नहीं दिया गया। किसी को मंच से उतार दिया गया। और तो और प्रतिमा अनावरण के शिलापट्ट में गौतमबुद्ध नगर के सांसद का नाम ही नहीं है। इसे लेकर पूरे जिले में चर्चाएं चल रही हैं।

प्रतिमा अनावरण के लिए लगे शिलापट्ट पर सासंद का नाम नहीं
यह कार्यक्रम गुर्जर विद्या सभा का था। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा को आमंत्रित किया गया था। शिलान्यास पट पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री अशोक कटारिया, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी और दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नगर का नाम लिखवाया गया है। बड़ी बात यह है कि समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी तो इस कार्यक्रम में उपस्थित भी नहीं हुए। कार्यक्रम के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सांसद डॉ.महेश शर्मा का नाम शिलान्यास पट पर नहीं लिखवाया गया। गौतमबुद्ध नगर के ब्राह्मण समाज में यह बात चर्चा का विषय बन गई है। लोगों का कहना है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से एक समाज विशेष का बनकर रह गया। मिहिरभोज महाविद्यालय सामाजिक संस्था है। जिसमें सर्व समाज की भागीदारी है। इस बात पर संस्था को संचालित करने वाले लोगों को विचार करना चाहिए।

शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा के लिए मंच पर कुर्सी नहीं थी
एक और अव्यवस्था देखने के लिए मिली। कार्यक्रम के मंच पर मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट से विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं की गई थी। खास बात यह है कि श्रीचंद शर्मा दादरी के स्थानीय निवासी हैं। उन्हें भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में बुलाने के बावजूद उनके बैठने का इंतजाम नहीं किया गया। जब श्रीचंद शर्मा मंच पर पहुंचे तो हड़बड़ी मची। आनन-फानन में कुर्सी मंगवा कर उन्हें बैठाया गया। ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि पिछले दिनों श्रीचंद शर्मा ने दादरी में शिक्षक सम्मेलन किया था। जिसके मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर डॉ.दिनेश शर्मा थे। उस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक और दूसरे तमाम नेताओं को विशेष स्थान दिया गया था। हालांकि, कार्यक्रम के दौरान खुद स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर अपनी कुर्सी से उठ गए थे। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी को अपने स्थान पर बैठा दिया था। इस पर भी गुर्जर समाज ने आपत्ति जताई थी। अब जब बुधवार को मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हुआ तो उसमें श्रीचंद शर्मा के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं की गई।

क्षेत्रीय मंत्री आशीष वत्स को मंच से सुरक्षाकर्मी उठा ले गए
इस कार्यक्रम के दौरान तीसरे ब्राह्मण नेता भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम क्षेत्र के मंत्री आशीष वत्स के साथ अभद्रता हुई। दरअसल, आशीष वत्स पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को स्थान देने के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए। जब वह मंच पर खड़े थे तो सुरक्षाकर्मी आए और उन्हें जबरन नीचे उतार दिया। उन्होंने अपना परिचय दिया, लेकिन उसके बावजूद उनकी एक बात नहीं सुनी गई। खास बात यह रही कि उस वक्त कार्यक्रम के आयोजक, पार्टी के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि यह पूरा घटनाक्रम देख रहे थे। इस पर भी ब्राह्मण नेताओं ने दुख जाहिर किया है। लोगों का कहना है कि दादरी का यह कार्यक्रम राजपूत और गुर्जर बिरादरी के बीच हुए विवाद की भेंट चढ़ गया है। इस कार्यक्रम में प्रोटोकॉल, व्यवस्थाओं और सम्मान का ख्याल बिलकुल नहीं रखा गया।

इन तीनों घटनाओं से जिले के ब्राह्मण समाज में रोष
गौतमबुद्ध नगर जिले में दो ब्राह्मण जनप्रतिनिधि स्थानीय सांसद डॉ.महेश शर्मा और शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा हैं। भारतीय जनता पार्टी के संगठन में ब्राह्मण समाज से सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशीष वत्स के पास है। इसके बावजूद इन तीनों ब्राह्मण चेहरों की गरिमा और सम्मान का ख्याल नहीं रखा गया है। दूसरी ओर जिले के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी के संगठन और जनप्रतिनिधियों के बीच संबंधों में बदलाव आए हैं। जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

स्थिति पर नियंत्रण नहीं हुआ तो पार्टी को होगा नुकसान
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि अगर गौतमबुद्ध नगर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस अलगाव और परस्पर बढ़ते आंतरिक विरोधाभास को जल्दी ही दूर नहीं किया तो आने वाले दिनों में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। खास बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के नेताओं के बीच परस्पर खट्टे संबंधों की जानकारी विपक्षी दलों को भी है। यही वजह रही कि दादरी में आयोजित हुए मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने विवादों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बहुत जल्दी विधानसभा चुनाव आने वाला है। भाजपा को इन विवादों पर काबू पाने की जरूरत है।

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