श्रीचंद शर्मा की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को बड़ा फायदा मिलेगा

आज की सबसे बड़ी खबर : श्रीचंद शर्मा की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को बड़ा फायदा मिलेगा

श्रीचंद शर्मा की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को बड़ा फायदा मिलेगा

Tricity Today | श्रीचंद शर्मा की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला

मेरठ-सहारनपुर शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा की मांग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान श्रीचंद शर्मा ने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यह मांग की थी। इससे राज्य में माध्यमिक शिक्षा का स्तर सुधरेगा। अभी तक राज्य में कंपनियों के लिए स्कूल खोलने का रास्ता बंद था। सरकार के इस फैसले से कंपनियां माध्यमिक शिक्षा में निवेश कर सकेंगी। इसके अलावा लीज पर ली गई जमीन पर भी स्कूलों की स्थापना की जा सकती है। मुख्यमंत्री के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों की मान्यता की शर्तों में सुधार किया जाएगा। उच्च गुणवत्ता के निजी विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। सोसाइटी एक्ट और ट्रस्ट के अतिरिक्त अब कंपनी एक्ट के तहत भी स्कूल खोले जा सकेंगे। जमीन लीज पर उपलब्ध होगी तो भी स्कूल खोलने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विद्यालय मानक प्राधिकरण का भी गठन किया जाएगा। यह सुझाव शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए थे। श्रीचंद शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि चुनाव के दौरान अनेकों विद्यालय संचालकों से मिलना हुआ। जिसमें उन्होंने सुझाव दिए एक विद्यालय संचालन का कार्य ट्रस्ट और सोसाइटी के साथ-साथ कंपनियों को भी दिया जाए। जिस प्रकार अस्पताल संचालन का कार्य चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ-साथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और फर्म कर रही हैं, इसी तरह स्कूलों का संचालन भी किया जाना चाहिए। श्रीचंद शर्मा ने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री को यह सुझाव दिया था। जिस पर उन्होंने शीघ्र ही निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। अब मुख्यमंत्री ने इस दिशा में काम शुरू किया है। जिससे मुझे बेहद खुशी हुई है।"

अब सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के ऐसे विकास खंड क्षेत्र जहां बालिका साक्षरता दर राष्ट्रीय दर से कम है, वहां पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए आने वाले बजट में व्यवस्था की जाएगी। कक्षा 10 तक के स्कूलों में भौतिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्हें कक्षा 12 तक उच्चीकृत किया जाएगा। ऐसे निजी विद्यालय जिनमें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। 

राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन होगा
उत्तर प्रदेश में सभी शिक्षा बोर्डों से संबंधित स्कूलों को न्यूनतम व्यवसायिक और गुणवत्ता के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए इस साल के आखिर तक राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण गठित किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा में विद्यालय संकुल व्यवस्था लागू करने के लिए वर्ष 2021-22 में योजना तैयार की जाएगी। यह योजना वर्ष 2022 में लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के 5 से 10 किलोमीटर की परिधि वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को माध्यमिक विद्यालयों से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक संकुल के माध्यमिक विद्यालय में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे। विद्यालय एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। छात्रों का भी एक स्कूल से दूसरे स्कूल में आदान-प्रदान किया जाएगा। इससे छात्र संख्या को समायोजित रखने में मदद मिलेगी। किसी भी विद्यालय में छात्रों की संख्या 500 से अधिक नहीं रखी जाएगी। तीसरे चरण में अभिनव विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा।

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