ग्रेटर नोएडा में होंगी मुलाकात, एक लाख परिवारों का संकट दूर करने की कोशिश

योगी आदित्यनाथ फ्लैट बायर्स और बिल्डर्स से करेंगे बात : ग्रेटर नोएडा में होंगी मुलाकात, एक लाख परिवारों का संकट दूर करने की कोशिश

ग्रेटर नोएडा में होंगी मुलाकात, एक लाख परिवारों का संकट दूर करने की कोशिश

Tricity Today | योगी आदित्यनाथ फ्लैट बायर्स और बिल्डर्स से करेंगे बात

Noida News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) 25 जून को नोएडा आ रहे हैं। जिले की तीनों अथॉरिटी का आम लोगों से जुड़ा सबसे बड़ा और पुराना मुद्दा बिल्डर-बायर्स विवाद है। बिल्डर अपनी माली हालत खराब बताकर तीनों अथॉरिटी का बकाया नहीं चुका रहे हैं। जो करीब 50 हजार करोड़ रुपये है। प्लॉट नहीं मिलने की वजह से अथॉरिटी खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने के लिए तैयार नहीं हैं। लिहाजा, एक लाख फ्लैट बायर्स फंसे हुए हैं। जीवन की गाढ़ी कमाई लगाने के बावजूद बायर्स 15 वर्षों से धक्के खा रहे हैं। अब जानकारी मिल रही है कि सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस मुद्दे पर बिल्डर और बायर्स से बातचीत करेंगे। सीएम ग्रेटर नोएडा की गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में रहेंगे। सभी विभागों के कामकाज की समीक्षा करेंगे।

तैयारियों में जुटे हैं तीनों विकास प्राधिकरण
मिल रही जानकारी के मुताबिक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी ने सीएम की मुलाकातों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। अथॉरिटी के अफसरों का कहना है, “अभी सीएम के साथ बिल्डर और बायर्स के संवाद को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है, लेकिन हम अपने स्तर पर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़ी परेशानियों का प्रजेंटेशन तैयार कर रहे हैं। बुधवार को नोएडा अथॉरिटी में विभाग की बैठक हुई है।” आपको बता दें कि फ्लैट बायर्स का मुद्दा 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उठा था। अथॉरिटी और शासन स्तर पर लगातार इस मुद्दे का हल तलाशने के लिए मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री के दौरे की पूरी रूपरेखा शुक्रवार को जारी हो सकती है। उससे मुलाकातों का पता लगेगा।

बिल्डरों पर नोएडा अथॉरिटी की सबसे ज्यादा बकायादारी
आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने अपनी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सभी ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट का ब्यौरा ऑनलाइन कर दिया है। यह अथॉरिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर है। इसमें यह देखा जा सकता है कि कौन से प्रॉजेक्ट में फ्लैट लेने पर रजिस्ट्री हो जाएगी। बात अगर दोनों अथॉरिटी की करें तो अब करीब 39 हजार 525 करोड़ रुपये बिल्डरों पर बकाया हैं। यमुना अथॉरिटी को शामिल करने पर आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। इसमें नोएडा अथॉरिटी का बकाया करीब 26 हजार करोड़ और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का करीब 13 हजार 525 करोड़ रुपये है। नोएडा के 90 तो ग्रेटर नोएडा के 135 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स अटके हैं।

छह महीने में 40 हजार रजिस्ट्री कर सकते हैं प्राधिकरण
आधिकारिक सूचना के मुताबिक, नोएडा में करीब 25 हजार और ग्रेटर नोएडा में 15 हजार फ्लैट्स ऐसे हैं, जो रजिस्ट्री के लिए तैयार स्थिति में हैं। इनका निर्माण पूरा हो चुका है। बिल्डर फ्लैट बेच चुका है। इसमें नोएडा में कई ऐसे प्रॉजेक्ट हैं, जिनमें कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी हो चुके हैं, लेकिन बिल्डर की तरफ से बकाया नहीं जमा किया गया है। इस कारण अथॉरिटी रजिस्ट्री के लिए तैयार नहीं है। अथॉरिटी अधिकारियों के मुताबिक बिल्डर बकाया जमा करना शुरू कर दें तो 6 महीने के अंदर 40 हजार बायर्स की रजिस्ट्री हो जाएंगी। दोनों शहरों में 13,000 फ़्लैट ऐसे हैं, जिनके लिए बिल्डर ने कंप्लिशन सर्टिफ़िकेट और ऑक्यूपेंसी सर्टिफ़िकेट हासिल कर लिए हैं। प्राधिकरणों को पूरा पैसा चुका दिया है, लेकिन फिर भी फ़्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री नहीं करवा रहे हैं। हाल ही में दोनों प्राधिकरणों ने ऐसे बिल्डरों की सूची जारी की हैं। जिस पर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बिल्डरों को नोटिस भेजकर 15 दिनों में रजिस्ट्री करवाने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी की ओर से बिल्डरों को चेतावनी दी गई है कि अगर 15 दिनों में इन फ़्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं करवाई गई तो मुकदमे दर्ज करवाए जाएंगे।

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