ISRO की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद हरियाणा स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में युवाओं को मिलेगा बढ़ावा

चंद्रयान- 3 : ISRO की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद हरियाणा स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में युवाओं को मिलेगा बढ़ावा

ISRO की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद हरियाणा स्पेस इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में युवाओं को मिलेगा बढ़ावा

Tricity Today | हरियाणा में स्पेस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने की तैयारी

Gurugram News : अंतरिक्ष में भारत की श्रेष्ठतम उपलब्धि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद हरियाणा में स्पेस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने की तैयारी है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में स्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड के साथ बैठक की। इस दौरान कंपनी के एमडी डॉ. पी सुब्बाराव के साथ राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के  कुलपति उपस्थित रहे।

युवाओं को करियर बनाने के अवसर
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने चंद्रयान 3 की उपलब्धि पर हर्ष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि ISRO के वैज्ञानिकों की मेहनत के चलते भारत आज दुनिया का पहला देश बना है जोकि चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचा है। भारत को अतंरिक्ष में यह उपलब्धि प्राप्त हुई। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्पेस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करें। प्रदेश के युवाओं को अंतरिक्ष क्षेत्र में करियर बनाने के अवसर मिलेंगे। ऐसे में स्पेस इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ना होगा।

कल्पना चावला को किया याद 
अंतरिक्ष यात्री रही प्रदेश की बेटी कल्पना चावला को याद किया। कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष में जाने का जो सपना देखा था उसे पूरा भी किया। आज वह हमारे साथ -साथ बेटियों के लिए भी प्रेरणा बनी हुई है। हरियाणा ऑटो मोबाइल, खाद्यान्न उत्पादन, आईटी सेक्टर, खेलों और विभिन्न क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य है। ऐसे में स्पेस इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ना होगा। हरियाणा रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशंस सेंटर (हरसक) के माध्यम से कृषि व अन्य क्षेत्रों में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

भविष्य में अवसरों के लिए एक नया स्पेस 
बैठक में पहुंचे अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड के एमडी डॉ. पीसुब्बाराव पहले देश की स्पेस एजेंसी इसरो में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि स्पेस इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अपार अवसर हैं। हरियाणा के विश्वविद्यालयों को भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने नई शिक्षा नीति तथा इंडियन स्पेस पॉलिसी - 2023 में शामिल विभिन्न बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य भविष्य में अवसरों के लिए एक नया स्पेस पैदा करना है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल  करेंगे चर्चा
बैठक में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सचिव डॉ. वीएस हेगड़े ने पीपीटी के माध्यम से स्पेस ईरा, स्पेस इकोनॉमी-वैल्यु चेन, भारतीय संदर्भ, इनोवेशन इंडस्ट्री तथा स्पेस इकोनॉमी में अवसर आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में पहुंचे विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन को ध्यानपूर्वक देखा और स्पेस इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि दिखाई और विशेषज्ञों के साथ सार्थक चर्चा की। राज्यपाल ने बैठक के उपरांत इस विषय में विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों और स्पेस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर इस दिशा में आगे बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस विषय में वह जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी बात करेंगे।

यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर राजभवन के संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह, उच्चत्तर शिक्षा विभाग हरियाणा के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के महानिदेशक डॉ. केके कटारिया, महर्षि दयानंद विवि के कुलपति डॉ. राजबीर सिंह, कुरुक्षेत्र विवि के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा दीनबंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी ऑफ साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न यूनिवर्सिटी के कुलपति और अधिकारी मौजूद रहे।

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