पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई खनन माफियाओं की जेब से होगी, नई टास्क फोर्स का गठन

गुरुग्राम और फरीदाबाद से बड़ी खबर : पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई खनन माफियाओं की जेब से होगी, नई टास्क फोर्स का गठन

पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई खनन माफियाओं की जेब से होगी, नई टास्क फोर्स का गठन

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Gurugram/Faridabad News : अरावली पहाड़ियों में जारी अवैध खनन गतिविधियों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई अब खनन माफिया की जमीन-जायदाद से की जाएगी। हरियाणा सरकार ने इस संबंध में कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के मुताबिक गुरुग्राम, नूंह और फरीदाबाद जिलों के अरावली क्षेत्रों में अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इसकी भरपाई के लिए जिला स्तरीय छह सदस्यीय टास्क फोर्स गठित की गई है। यह कमेटी खनन माफियाओं पर पर्यावरण नुकसान के लिए जुर्माना लगाएगी।  

खनन माफियाओं को मिलेगा 30 दिन का समय
विभाग के सचिव प्रदीप कुमार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को दी रिपोर्ट में बताया कि जुर्माना राशि के भुगतान के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। यदि इस अवधि में जुर्माना नहीं भरा जाता है तो हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर खनन माफिया की संपत्ति से राशि वसूलने को कहेगा। इस छह सदस्यीय कमेटी में पुलिस, वन, प्रदूषण नियंत्रण, परिवहन और खनन विभागों के अधिकारी शामिल हैं। शिकायत मिलने पर यह कमेटी मौके पर जाएगी और 15 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। खनन और प्रदूषण विभाग जुर्माना राशि का आकलन करेंगे।

इसके तहत भी एक्शन होगा
प्रदीप कुमार ने आगे बताया कि जुर्माना राशि की अदायगी के लिए 30 दिन का और समय दिया जाएगा। यदि तब भी भुगतान नहीं किया गया तो प्रदूषण बोर्ड जिला उपायुक्त से संपत्ति कुर्क करने को कहेगा। खनन अनुमति रद्द होने पर पानी और हवा अधिनियमों के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा खनन माफिया को दी गई पर्यावरण मंजूरी, संचालन की सहमती को रद्द करने के बाद पानी अधिनियम 1974 और हवा अधिनियम 1981 के तहत विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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