यूपी समेत कई राज्यों में 5,115 करोड़ की संपत्ति जब्त, बैंकों से 27 हजार करोड़ लोन लेकर बड़ी हेराफरी कर डाली, तरीका जानकर रह जाएंगे दंग

ED की एमटेक समूह पर बड़ी कार्रवाई : यूपी समेत कई राज्यों में 5,115 करोड़ की संपत्ति जब्त, बैंकों से 27 हजार करोड़ लोन लेकर बड़ी हेराफरी कर डाली, तरीका जानकर रह जाएंगे दंग

यूपी समेत कई राज्यों में 5,115 करोड़ की संपत्ति जब्त, बैंकों से 27 हजार करोड़ लोन लेकर बड़ी हेराफरी कर डाली, तरीका जानकर रह जाएंगे दंग

Tricity Today | एमटेक ऑटो और अरविंद धाम का फोटो

Gurugram News : कारोबार की दुनिया से बड़ी खबर है। बैंक से धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम स्थित एमटेक ऑटो लिमिटेड (Amtek Auto Limited) की 5,115 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर ली। ED ने  मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के बाद ग्रुप की 85 संपत्तियां कब्जे में ली। एमटेक ऑटो पर सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर हेराफेरी का गंभीर आरोप लगे थे। 

कर्ज लेकर फर्जी कंपनियों में लगाया
ग्रुप के निदेशक अरविंद धाम और उनके साथियों ने सरकारी बैंकों से 27 हजार करोड़ रुपये का मोटा कर्ज लेकर फर्जी कंपनियों में लगाया। 500 से ज्यादा कंपनी में पैसा इनवेस्ट करने के बाद सभी को दिवालिया घोषित कर दिया। इस मामले में फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी को जांच के आदेश दिए थे। ईडी की जांच में महाघोटाले की परतें खुलती चली गई। जांच में दोषी पाए जाने के बाद 9 जुलाई को अरविंद को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

एक-दो नहीं 13 राज्यों में संपत्तियां
ईडी ने मामले की जांच के बाद हरियाणा और पंजाब स्थित गुरुग्राम, रेवाड़ी, पंचकूला, चंडीगढ़ में कई प्रॉपर्टी अटैच की। एमटेक ग्रुप की सभी संपत्तियां यूपी समेत 13 अलग राज्यों में फैली हुई हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एमटेक समूह की अन्य कंपनियां एआरजी लिमिटेड, ACIL लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कैस्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड भी जांच के दायरे में हैं। जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी और भी चौंकानेवाले खुलासे होंगे। 

CBI भी कर चुकी जांच
सीबीआई भी एमटेक ग्रुप के फर्जीवाड़े की जांच कर चुकी है। उसने आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायतों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी। तब पहली बार यह बात सामने आई थी कि अरविंद धाम और उनकी समूह कंपनियों ने बैंक लोन को शेल कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया था। फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बैंक धोखाधड़ी की जांच का निर्देश ईडी को दिया था।

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