गुरुग्राम में खातिरदारी के मुरीद हुए मेहमान, मिट्टी के चूल्हे पर बनी रोटी खायी

G-20 summit : गुरुग्राम में खातिरदारी के मुरीद हुए मेहमान, मिट्टी के चूल्हे पर बनी रोटी खायी

गुरुग्राम में खातिरदारी के मुरीद हुए मेहमान, मिट्टी के चूल्हे पर बनी रोटी खायी

Tricity Today | मिट्टी के चूल्हे पर बनी रोटी खायी

Gurugram News : हरियाणा के गुरुग्राम के निकट नूंह जिले के आईटीसी ग्रैंड भारत में चल रही जी-20 समिट की चौथी शेरपा बैठक में विदेशी डेलीगेट मिलेट के मुरीद हो गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जब डिनर का वक्त हुआ तो मेहमानों ने बाजरे से बना खीचड़ा, रोटी, राबड़ी, टिक्की, फिरनी, लापसी सहित अगल-अलग प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मेहमानों से शिष्टाचार भेंट की और उनके साथ देसी व्यंजनों का आनंद लिया। जी-20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत और तमाम देशों से आए शेरपा और अन्य प्रतिनिधियों ने हरियाणा के परंपरागत व्यंजनों का जायका लिया।

प्रदेशों के शाकाहारी भोजन गए परोसे 
भारत की मांग पर संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को 'इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेटस' घोषित करने के बड़े संकल्प को साकार करने में हरियाणा की इस खातिरदारी ने नई दिशा देने का काम भी किया है। जब दुनिया मोटे अनाज का स्वाद चखेगी तो इसकी अहमियत भी समझेगी। विदेशी डेलीगेट की थाली में अलग-अलग प्रदेशों के शाकाहारी भोजन परोसे गए। इसके साथ-साथ उनकी रुचि और खान-पान के अनुसार कांटीनेंटल पकवान भी तैयार किए गए थे।

व्यंजनों का लिया मजा
हरियाणा की इस मेहमानवाजी के प्रदर्शन से विदेशी डेलीगेट प्रफुल्लित और अभिभूत नजर आए। सभी ने जमकर व्यंजनों का मजा लिया। खाने के दौरान मिट्टी के चूल्हे पर बाजरे और ज्वार की रोटी बनाई, गांव मोहम्मदपुर अहीर की महिलाएं भी विदेशियों को रोटी खिलाते हुए विदेशियों का राम-राम से अभिवादन कर रही थीं। शैफ आयुष ने बताया कि मिलेट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये अनाज ग्लूटन फ्री होता है, जो सेहतमंद होता है। हर रोज मिलेट के बने अलग-अलग व्यंजन मेहमानों को खिलाए जाएंगे।

किसानों को होगा लाभ 
विदेशी मेहमानों को इस तरह के व्यंजन परोसे जाने से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हरियाणा सरकार की मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए की जा रही कोशिश को सफलता के पंख लगेंगे। दक्षिणी हरियाणा की धरती भी मोटे अनाज के लिए उपयुक्त हैं। यहां के अधिकतर किसान बाजरा और ज्वार उगाते हैं। विश्वभर में बाजरे की खपत बढ़ेगी तो हमारे किसानों को भी लाभ होगा। रात्रि भोज से पहले आईसीसीआर के कलाकारों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

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