गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट-टु-चारकोल प्लांट लगेगा, कचरे के पहाड़ से मिलेगी राहत

पर्यावरण के लिए अच्छी खबर : गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट-टु-चारकोल प्लांट लगेगा, कचरे के पहाड़ से मिलेगी राहत

गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट-टु-चारकोल प्लांट लगेगा, कचरे के पहाड़ से मिलेगी राहत

Tricity Today | वेस्ट-टु-चारकोल प्लांट के संबंध में (MoU)

Gurugram News : शहरी कचरा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट-टु-चारकोल प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन प्लांट्स के जरिए नगर पालिका के ठोस कचरे से टोरिफाइड चारकोल का उत्पादन किया जाएगा। हाल ही में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVN) ने गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों के साथ इस संबंध में समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य प्रतिदिन 1200 से 1500 टन नगरपालिका ठोस कचरे को संसाधित करना है। इस महत्वपूर्ण पहल से न केवल गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिलेगा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

कचरे के पहाड़ से मिलेगी राहत
इस पहल से गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों को कूड़े के ढेर से छुटकारा मिलेगा। यह समझौता फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगम के कमिश्नर और NVVN के अधिकारियों के बीच हुआ। इसके तहत दोनों जिलों में एनटीपीसी प्लांट का निर्माण कार्य शुरू होगा। इससे शहर का कूड़ा सही तरीके से संसाधित हो सकेगा और बिजली उत्पादन भी बढ़ेगा। इस समझौते के दौरान मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी और शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा भी उपस्थित रहे। 

परियोजना की पूरी जानकारी
एनवीवीएन की सीईओ रेनू नारंग ने बताया कि वर्तमान में वाराणसी में एनटीपीसी द्वारा 600 टन प्रतिदिन कचरे से वेस्ट-टु-चारकोल बनाने का काम चल रहा है। अब हरियाणा के दो जिलों में प्रतिदिन 1200-1500 टन नगरपालिका ठोस कचरे को संसाधित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा कि गुरुग्राम के बंधवाड़ी और फरीदाबाद के मोठूका में लगभग 500-500 करोड़ रुपये की लागत से हरित कोयला प्लांट स्थापित किए जाएंगे। 

30 महीनों में पूरा करने की संभावना
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि एनवीवीएन केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद में कचरे से कोयला बनाने के संयंत्र स्थापित करेगा। इन प्लांट्स के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम द्वारा 20-20 एकड़ जमीन देने का ऐलान भी किया गया है। इस काम को 30 महीनों में पूरा करने की संभावना जताई गई है। ये दोनों चारकोल प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर निर्मित किए जाएंगे।

स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त व सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि बढ़ते शहरीकरण के दौर में कचरे का ढेर पहाड़ का आकार ले रहा है और कचरा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहा है। प्लांटों की स्थापना से कचरे को संसाधित करना आसान हो जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इससे गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले को कूड़े के ढेर से मुक्ति मिलेगी और शहर स्वच्छ और हरा-भरा बनेगा।

पर्यावरण को फायदा
इन संयंत्रों में उत्पादित टोरिफाइड चारकोल का उपयोग बिजली उत्पादन संयंत्रों में किया जाएगा, जिससे खनिज कोयले का उपयोग कम हो जाएगा। टोरिफाइड चारकोल को ताप विद्युत संयंत्रों में ईंधन के साथ मिश्रित करके बिजली पैदा की जा सकेगी। इसे अन्य प्रौद्योगिकियों की तुलना में कम तापमान की आवश्यकता होती है, जिससे विषाक्त उत्सर्जन की संभावना समाप्त हो जाती है।
 

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