Google Images | शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में पहुंचा
Gurugram News : जम्मू-कश्मीर के डोडा में शहीद हुए राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ की सेकंड बटालियन के जवान विकास राघव ने घटना से कुछ समय पहले सोहना के दौहला गांव में रहने वाले अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की। शुक्रवार रात करीब 11 बजे विकास की अपनी नवंबर में होने वाली शादी की तैयारियों को लेकर मां से बात हुई। वह शादी को लेकर बहुत खुश थे, लेकिन किसे पता था कि खुशियों से पहले सबसे बड़ा मातम दस्तक दे देगा। विकास के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद मां विमलेश यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही और बार-बार बेहोश हो जा रही हैं।
शहीद के पिता ने उनको मुखाग्नि दी। सेना के जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर व मातमी धुन बजाकर शहीद को अंतिम सलामी दी। इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद विकास राघव अमर रहे, जब तक सूरज-चांद रहेगा, विकास तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए।
सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में पहुंचा
बता दें कि गुरुग्राम जिले के गांव दौहला निवासी 25 वर्षीय विकास राघव शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। शनिवार को सेना के वाहन में शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचने की सूचना मिलते ही समूचे गांव के लोग अपने लाडले के अंतिम दर्शन व नमन करने के लिए हजारों की संख्या में एकत्रित हुए। बाद में गांव के श्मशान घाट में शहीद विकास राघव का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार सुनील शर्मा शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, लेकिन कोई भी आला अधिकारी वहां नहीं पहुंचा। सैनिक बोर्ड की तरफ से भी कोई भी शहीद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा।
शुक्रवार को रात को अंतिम कॉल
विकास के चचेरे भाई धीरज राघव ने बताया कि शुक्रवार की रात 11 बजे विकास ने वीडियाे काॅल की थी। इस दौरान अपनी मां विमलेश, बहन सपना और पिता सूरज राघव से बातचीत की थी। विकास ने पहले मां से 17 नवंबर को होने वाली अपनी शादी की तैयारियों के बारे में पूछा था। मां ने बताया था कि शादी की तैयारियां चल रही है और बहू के लिए कपड़ों की खरीद होनी है। इसके बाद विकास ने अपने पिता से कहा था कि उसकी शादी में डीजे के साथ जोरदार आतिशबाजी का भी इंतजाम होना चाहिए। इसके बाद इंस्टाग्राम पर गांव के अपने दोस्तों से बातचीत हुई थी। दोस्तों ने बताया कि विकास ने कहा था कि आतंकियों से आर-पार करके लौटूंगा। उनका कहना है कि विकास के अंदर सेना में जाने का जुनून था।
ग्रेटर नोएडा के गांव में तय हुआ था रिश्ता
विकास की शादी ग्रेटर नोएडा के गांव तिलघोडी में तय थी। इसके लिए बीती 9 जून को ही सगाई हुई थी, जबकि शादी 17 नवंबर को होनी थी। दोस्तों ने बताया कि विकास राघव का जन्मदिन 19 सितंबर को है। शहीद सिपाही विकास राघव के पिता सूरज कंपनी में काम करते हैं और मां गृहिणी है। उनका एक बडा भाई व एक बहन है। विकास वर्ष 2019 में 10 राष्ट्रीय राइफल में जवान के पद पर भर्ती हुए थे। शहीद विकास की कुछ दिनों पहले ही सगाई हुई थी। इसी साल में 19 नवंबर को उसकी शादी होने वाली थी।
दादा की रेजिमेंट और उनकी बटालियन को चुना
गांव के रामबीर ने बताया कि विकास के दादा दिवंगत छोटे सिंह राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ में सेकंड बटालियन में हवलदार थे। उन्होंने बताया कि विकास में भी अपने दादा जैसे सेना में जाने का जुनून था। इसके लिए बचपन से ही दौड़ और अभ्यास करने में लग गया था। विकास ने भी सेना में राजपूत रेजिमेंट फतेहगढ़ में सेकंड बटालियन को ही ज्वाइन किया क्योंकि उसके दादा ही राजपूत रेजिमेंट के सेकंड बटालियन में तैनात थे।
लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की
इस मौके पर राजस्थान के पूर्व सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, करणी सेना अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू, पंकज भारद्वाज, खेल मंत्री संजय सिंह, पूर्व विधायक तेजपाल तंवर, धर्मेंद्र खटाना, प्रदीप खटाना, व्यापार मंडल के प्रधान मनोज बजरंगी, महेश चौहान, कुलभूषण भारद्वाज, कर्नल संत ने श्रद्धांजलि अर्पित की