अब स्कूल में बच्चों को मिलेगा कानूनी ज्ञान, साइंस-मैथ के साथ गुड और बेड टच की जानकारी भी

गुरुग्राम पुलिस की पहल : अब स्कूल में बच्चों को मिलेगा कानूनी ज्ञान, साइंस-मैथ के साथ गुड और बेड टच की जानकारी भी

अब स्कूल में बच्चों को मिलेगा कानूनी ज्ञान, साइंस-मैथ के साथ गुड और बेड टच की जानकारी भी

Tricity Today | गुरुग्राम पुलिस आयुक्त-प्रिंसिपल्स के साथ मीटिंग

Gurugram News : बुधवार को गुरुग्राम पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोरा ने शहर के विभिन्न विद्यालयों के प्रिंसिपल्स और फैकल्टी मेम्बर्स के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग की। इस बैठक में उन्होंने शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने और विद्यार्थियों को सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए। इस मीटिंग का उद्देश्य स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए एक सुरक्षित और सूचित वातावरण तैयार करना था।

साइबर अपराधों के प्रति सतर्कता
पुलिस आयुक्त ने सभी स्कूल प्रिंसिपल्स को निर्देशित किया कि वे विद्यार्थियों और स्टाफ को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि भारत में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डिजिटल शिक्षा के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर खतरों की संभावना बढ़ गई है। विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान जब दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रचलन बढ़ा, साइबर अपराधियों ने भी सक्रियता बढ़ा दी। इस संदर्भ में, स्कूलों को साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, और विद्यार्थियों को साइबर अपराधों से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।

नशीले पदार्थों का सेवन
बैठक में मादक और नशीले पदार्थों के सेवन पर भी चर्चा की गई। पुलिस आयुक्त ने बताया कि नशीले पदार्थों का सेवन समाज के लिए अत्यंत हानिकारक है। उन्होंने प्रिंसिपल्स से अनुरोध किया कि वे विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दें और उन्हें इन पदार्थों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान, "नशा मुक्त भारत अभियान," शुरू किया है, जिसका उद्देश्य नशा मुक्त समाज की स्थापना करना है।

मानसिक और शारीरिक शोषण पर ध्यान
पुलिस आयुक्त ने मानसिक और शारीरिक शोषण की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शोषण का शिकार हो रहे विद्यार्थियों को अक्सर असहाय और तनावग्रस्त महसूस होता है। इस समस्या से निपटने के लिए, स्कूल स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और बच्चों के परिजनों के साथ काउंसलिंग की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे किसी भी प्रकार के शोषण का शिकार न हों और उन्हें एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण मिले।

नाबालिक बच्चों द्वारा वाहन चलाने पर रोकथाम
नाबालिक बच्चों द्वारा वाहन चलाने की समस्या को भी बैठक में उठाया गया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा वाहन चलाना खतरनाक है और इसके चलते सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चों और उनके परिजनों को ट्रैफिक नियमों के महत्व के बारे में बताया जाएगा और उन्हें सुरक्षित सड़क व्यवहार की आदत डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

गुड टच और बेड टच की जानकारी
पुलिस ने स्कूलों में बच्चों को गुड टच और बेड टच के बारे में शिक्षित करने की योजना बनाई है। विद्यार्थियों को बताया जाएगा कि गुड टच वह होता है जो सुखद और स्नेहपूर्ण होता है, जबकि बेड टच वह होता है जो असहज और चोट पहुंचाने वाला होता है। बच्चों को यह भी सिखाया जाएगा कि यदि कोई बात उन्हें असहज महसूस कराए, तो उन्हें "नहीं" कहने का अधिकार है और तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए। इस संदर्भ में, पुलिस की डॉयल-112 और दुर्गा शक्ति ऐप के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

StopNcii.org के बारे में जानकारी
बैठक के दौरान पुलिस आयुक्त ने StopNcii.org के बारे में भी जानकारी दी। यह एक निशुल्क ऑनलाइन सेवा है, जिसका उद्देश्य इंटरनेट से गैर-सहमति वाले अंतरंग या आपत्तिजनक छवियों को हटाना है। रिवेंज पोर्न हेल्पलाइन ने बिना सहमति के अंतरंग छवियों के दुरुपयोग के हजारों पीड़ितों की मदद की है और 90% से अधिक हटाने की दर के साथ 200,000 से अधिक छवियों को सफलतापूर्वक हटाया है। यह प्लेटफार्म पीड़ितों की मदद करता है और उन्हें न्याय प्रदान करता है।
 

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