Gurugram News : आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को लेकर जागरुकता के लिए जिला प्रशासन, गुरुग्राम द्वारा आयुष विभाग के सहयोग से अनूठा प्रयास किया है। इस प्रयास के तहत जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन योग दिवस प्रोटोकॉल के अनुसार एक योगासन का वीडियो जारी किया जाएगा, ताकि लोग घर बैठे योगासन का नियमित अभ्यास कर स्वास्थ्य लाभ उठाए। यह वीडियो डीसी गुरुग्राम और डीआईपीआरओ गुरुग्राम के टविटर हैंडल, फेसबुक पेज,कू, इंस्टाग्राम एकाउंट और यूट्यूब चैनल पर डेली अपलोड किया जाएगा।
विदेशी डेलिगेट्स ने भी योगाभ्यास में विशेष रूचि दिखाई
जी-20 की बैठक में शामिल डेलिगेट्स ने भी दिखाई थी योगाभ्यास में रूचि डीसी निशांत कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि हम अपनी दिनचर्या में योग को शामिल कर न केवल शरीर को निरोग बना सकते है बल्कि मानसिक तनाव से मुक्ति व लाइफस्टाइल डिजीज जैसे मधुमेह, रक्तचाप आदि बीमारियों को नियंत्रित भी कर सकते हैं। योग एवं प्राणायाम से मिलने वाले लाभ को अब दुनिया भी स्वीकार कर चुकी है। बीते दिनों गुरुग्राम में आयोजित जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक में शामिल हुए विदेशी डेलिगेट्स ने भी योगाभ्यास में विशेष रूचि दिखाई थी। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सैक्टर-38 स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में 21 जून को जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
नियमित योगाभ्यास के जागृत होगी स्वास्थ्य के प्रति चेतना
डीसी ने कहा कि प्रतिदिन हम एक योग मुद्रा के विषय में अध्ययन करें और उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करें। प्रतिदिन एक-एक मुद्रा या आसन का अभ्यास व उसकी जानकारी के अध्ययन करने से हमारे भीतर स्वास्थ्य के प्रति एक जागृति उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि अगर शरीर स्वस्थ होगा तो जीवन में आने वाली हर चुनौती आसान होगी। योग के प्रति जागरुकता के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रतिदिन एक योगासन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
शरीर और मन को योगाभ्यास का अधिक लाभ
योगाभ्यास को प्रार्थना के मनोभाव से शुरू करना चाहिए ताकि शरीर और मन को उसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। प्रार्थना करने से न केवल मानसिक बल मिलता है बल्कि तनाव मुक्त जीवन शैली की नींव भी मजबूत बनी रहती है। उन्होंने बताया कि योगाभ्यास के लिए किसी शांत स्थान पर शांत मुद्रा में बैठ जाए और धीरे-धीरे अपनी आंख बंद कर गहरा श्वास अंदर खींचे और धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए अपने ध्यान को दोनों भौहों के मध्य केंद्रित करने का प्रयास करें। श्वास-प्रश्वास की क्रिया को सामान्य बनाकर ध्यान केंद्रित करते हुए किसी मंत्र, श्लोक या प्रार्थना का उच्चारण करें। धीरे-धीरे इस अभ्यास को दोहराए और प्रतिदिन प्रार्थना करने से अपने आप जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस होगा।