Hapur News : गुरु भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं और उस संस्कृति को याद रखने के लिए ही आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का नाम दिया गया है। आज देश भर में गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जा रहा है। माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्हीं के नाम पर इस दिन को व्यास पूर्णिमा के तौर पर भी जाना जाता है।
श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान
ब्रह्म मुहूर्त में ही अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु तीर्थ नगरी बृजघाट पहुंचे। गंगा स्नान कर गुरुजनों की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद और दीक्षा भी प्राप्त की तो वहीं सुरक्षा के मद्देनजर गंगा घाटों पर भारी पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। सनातन परंपरा में यह दिन गुरु पूजा के लिए समर्पित है। पुरातन काल में इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा किया करते थे। यह दिन विद्यारंभ करने के लिए पावन दिन होता था। इसके अलावा जिन विद्यार्थियों की शिक्षा पूरी हो जाती थी। उनका दीक्षांत समारोह इस दिन आयोजित किया जाता था। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से बढ़कर माना जाता है। गुरु का जीवन में विशेष महत्व होता है। उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर साल गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है।
सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
तीर्थ नगरी ब्रज घाट पर स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस फोर्स को तैनात किया गया राजघाट पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है और संदिग्ध लोगों पर भी पुलिस नजर रख रही है।