हापुड़ का AQI पहुंचा 328, दिवाली तक प्रदूषण और बढ़ने का अनुमान

चिंताजनक : हापुड़ का AQI पहुंचा 328, दिवाली तक प्रदूषण और बढ़ने का अनुमान

हापुड़ का AQI पहुंचा 328, दिवाली तक प्रदूषण और बढ़ने का अनुमान

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Hapur : दिल्ली से सटे हापुड़ जिले में प्रदूषण का संकट लगातार बरकरार है। जिले में प्रदूषण की मोटी चादर छाई हुई है। स्मॉग के चलते लोगों को आफत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदूषण बढ़ने से एक ओर जहां लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं वातावरण में दृश्यता कम हो रही है। मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक एक्यूआई 328 तक पहुंच गया है।

जिला बना गैस चेंबर
प्रदूषण की परत आसमान में छाई हुई है। इससे हापुड़ गैस चेंबर में तब्दील हो गया है। तापमान कम होने और हवा की गति धीमी होने के चलते प्रदूषण छाया हुआ है। स्मॉग के कारण प्रदूषण बना हुआ है। स्मॉग में हवा में धूल व धुआं के कण ज्यादा हैं। इसके चलते वातावरण में दृश्यता भी कम हो रही है। वाहन चालकों को रात में देखने में परेशानी हो रही है। मंगलवार सुबह को ग्रामीण क्षेत्रों में धुंध छाई रही। हाइवे पर भी इसका असर देखने को मिला। इससे वाहनों की गति कम रही। वाहन लाइट जलाकर चले, इसके साथ ही स्मॉग होने से वाहनों के शीशों पर चिकनाहट फैल रही है। जिससे वाइपर भी शीशों को ठीक से साफ नहीं कर पा रहे हैं।

दिवाली पर और बढ़ सकता है प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर लोग पटाखा जलाने से पीछे नहीं हटते। इस बार दिवाली से पहले ही एनसीआर में प्रदूषण बढ़ गया है। ऐसे में पटाखा जलाना इस बार सेहत पर ज्यादा भारी पड़ सकता है। आतिशबाजी में जहां चेहरा झुलसने का खतरा रहता है। वहीं, पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण से सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इससे प्रदूषण का खतरा और बढ़ सकता है।

क्या बोले फिजीशियन
जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. प्रदीप मित्तल की मानें तो पीएम 2.5 की अधिकता बेहद खराब होती है। यह कण इतने छोटे होते हैं कि आप इन्हें खुली आंखों से नहीं देख सकते। यह कण आंखों में जलन की समस्या पैदा करते हैं। इसके साथ ही सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे खांसी और सांस लेने में दिक्कत के साथ फेफड़ों में इन्फेक्शन, नाक, कान और गले में इन्फेक्शन, त्वचा से जुड़ी समस्या और बालों के झड़ने आदि परेशानी हो सकती है।

दिवाली पर जहरीली हो सकती है हवा
मौसम विज्ञानी-कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि अभी प्रदूषण में कमी होने का पूर्णनुमान नहीं है। तापमान बढ़ने और हवा चलने पर 9 और 10 नवंबर को थोड़ी राहत मिल सकती है। उसके बाद प्रदूषण फिर घना हो जाएगा, दिवाली पर प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने के चलते हवा जानलेवा हो सकती है।

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