Hapur News : हापुड़ पिलखुवा प्राधिकरण ने भीषण गर्मी में पक्षियों को आश्रय देने की व्यवस्था की है। इसके लिए जिन क्षेत्रों में पौधे ज्यादा हैं, वहां पर पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कराई जा रही है। फिलहाल शहर में आनंद विहार और प्रीत विहार में दाना-पानी रखवाया गया है। शहर में अन्य स्थानों पर भी इसकी व्यवस्था कराई जा रही है। इसके साथ ही लोगों से अपने घरों की छतों और आसपास के पार्कों में दाना-पानी रखवाने का आह्वान किया गया है। जिससे पक्षियों की जिंदगी को बचाया जा सके।
सोशल मीडिया पर भी चलेगा अभियान
भीषण गर्मी में भूख-प्यास से परेशान पक्षी बेहोश होकर गिर रहे थे और बीमार हो रहे थे। इसके लिए प्राधिकरण के अधिकारी लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाएंगे।शहर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पक्षियों का बसेरा है। पेड़ों का कटान होने से पक्षियों के आसियाने कम होते जा रहे है। शहर में पौधों की संख्या कम हो गई है। आजकल शहर से बाहर एचपीडीए की कॉलोनियों प्रीत विहार और आनंद विहार में बड़ी संख्या में पेड़-पौधे हैं। वहीं मेरठ रोड और दिल्ली रोड पर बाग हैं। ऐसे में ज्यादातर पक्षियों का बसेरा वहीं पर है, लेकिन वहां पर खाने के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में पक्षी उड़कर शहर में आते हैं और दानों की तलाश में मारे-मारे फिरते हैं।
भूख-प्यास का करना पड़ रहा है सामना
पक्षियों को शहर तक आने, यहां पर दानों के लिए भटकने के दौरान भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही शहर में एसी से निकलने वाली गर्म हवा पक्षियों को परेशान करती है। ऐसे में कई पक्षी जहां बेहोश होकर गिर जाते हैं, वहीं कई को पक्षाघात का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही पक्षियों को भूख-प्यास का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते एचपीडीए ने नया अभियान शुरू किया गया है।
क्या बोले एचपीडीए के सचिव
एचपीडीए के सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि पक्षियों के लिए दाना-पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए प्राधिकरण ने प्रीत विहार और आनंद विहार क्षेत्रों में दाना-पानी की व्यवस्था कराई है। इसके लिए कर्मचारी रोजाना दो बार दाना और पानी की सप्लाई करेंगे। इन क्षेत्रों में पक्षी ज्यादा संख्या में हैं, ऐसे में उनको दाना-पानी के लिए गर्मी में भागदौड़ नहीं करनी होगी।
क्या बोले वीसी?
वीसी डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि हमारा यह प्रयास है कि यह समाज के प्रत्येक सभ्य नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह पक्षियों के जीवन व संरक्षण की व्यवस्था करे। इसके लिए हम सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाएंगे। वहीं सामाजिक-धार्मिक संगठनों से संपर्क कर रहे हैं। प्राधिकारण की ओर से भी प्रमुख स्थानों पर दाना-पानी की व्यवस्था कराई जाएगी।