Hapur News : पीएम मोदी ने मन की बात के 102वें एपिसोड में जिला हापुड़ में विलुप्त हुई नीम नदी को पुनर्जीवित किया जाने का जिक्र किया है। इसको लेकर जिलेवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। नीम नदी के उद्गम स्थल गांव दत्तियाना के ग्रामीणों में भी इसको लेकर हर्ष की लहर दौड़ गई है।
क्या कहा पीएम ने?
पीएम मोदी ने कहा" यूपी के हापुड़ जिले में लोगों ने मिलकर के एक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित किया है। यहां काफी समय पहले नीम नाम की एक नदी हुआ करती थी। समय के साथ वो लुप्त हो गई। लेकिन, स्थानीय स्मृतियां और जन-कथाओं में उसे हमेशा याद किया जाता रहा। आखिरकार, लोगों ने अपनी इस प्राकृतिक धरोहर को फिर से सजीव करने की ठानी। लोगों के सामूहिक प्रयास से अब नीम नदी फिर से जीवंत होने लगी है। नदी के उद्गम स्थल को अमृत सरोवर के तौर भी विकसित किया जा रहा है।
नीम नदी की महत्वपूर्ण जानकारी
नीम नदी तीन जिलों से होकर गुजरती है। इसका उद्गम हापुड़ जिले के दत्तियाना गांव में है। यह ऐतिहासिक गांव है। बताया जाता है कि यह ऋषि दत्तात्रेय की तपोस्थली रही है। उन्हीं के नाम पर गांव का नाम भी दत्तियाना पड़ा है। यह नदी दत्तियाना से राजवाहा के साथ होते हुए साइफन के जरिए राजवाहा को पार करती है। यह नदी हापुड़ जिले के 14 गावों से होकर गुजरते हुए बुलंदशहर जिले में पहुंच जाती है। हापुड़ में इसकी लंबाई 14.2 किमी, 134 किमी बुलंदशहर में और 40 किमी अलीगढ़ में है। अलीगढ़ में यह नदी काली नदी में जाकर मिलती है। जो बाद में गंगा में जाकर विलय हो जाती है। यह एक ऐसी नदी है जिसमें जीरो प्रतिशत प्रदूषण है और यह काली नदी की सहायक होने के कारण उसके प्रदूषण को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यहां से होकर गुजरती नीम नदी
जिला हापुड़ नदी, क्षेत्रः-14.2 किमी
दतियाना में नीम नदी का उद्गम स्थल है। यहां से हिम्मतपुर, राजपुर, सिखैड़ा, नया बांस, हाजीपुर, मुरादपुर, सैना, बंगौली और दरियापुर होते हुए नदी खुराना गांव पहुंचती है
जिला बुलंदशहर, नदी क्षेत्रः134 किमी
बांहपुर से बुलंदशहर जिले में नीम नदी प्रवेश करती है। यहां से बैनीपुर,डारौली, केशोपुर सठला, निखोव, नयाबांस, नया गांव देहरा, लड़ाना, चिंगरावठी, गिनौरा, ढलना, औगना, चटेरा, भदौरी, भदौरा, प्याना कलां, अमरगढ़, खदाना, लछोई, सांखनी, डूंगरा जाट, सलगमा, बझेड़ा, श्यौरामपुर, सूरतगढ़, रजापुर, मलकपुर, सौराला, डबका, भाटगढ़ी, चिंगावली, इंदौरा खेड़ा, कुतुबपुर खेड़िया, रामी कल्याणी,लेदर खेड़ा, बुरहानपुर खुर्द पहुंचती है।
जिला अलीगढ़, नदी क्षेत्रः-40 किमी
अतरौली तहसील के गांव मलहपुर से अलीगढ़ में प्रवेश करती है। कनकपुर, पनेहरा, नंगला बंजारा, खड़ौआ, आलमपुर, जिरौली, कासगंज होते हुए काली नदी में मिल जाती है ।