बेटी की हत्या करने वाली मां और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, 139 दिन में आया फैसला

हापुड़ से बड़ी खबर : बेटी की हत्या करने वाली मां और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, 139 दिन में आया फैसला

बेटी की हत्या करने वाली मां और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, 139 दिन में आया फैसला

Tricity Today | हत्यारों को सुनाई सजा

Hapur News : थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव जखैड़ा में 31 मार्च 2024 को 6 वर्षीय बेटी की हत्या करने वाली मां और तयेरे भाई को जिला न्यायाधीश मलखान सिंह ने दोषी करार दिया। दोनों दोषियों को सश्रम आजावीन कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना के 139 दिन के भीतर हत्यारोपी मां और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा दी गई है। हापुड़ पुलिस ने न्यायालय में जबरदस्त पैरवी की।

क्या था पूरा मामला 
प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नरेश चंद शर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2024 को बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव जखैड़ा के राजीव तोमर ने थाने में तहरीर दी थी। इसमें पीड़ित ने बताया था कि 31 मार्च 2024 को उसकी 6 वर्षीय बेटी काव्या गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के सामने खेल रही थी। वहां से वह लापता हो गई। पीड़ित की पत्नी सुलेखा ने बेटी की काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका। तलाश के दौरान गांव के बिजेंद्र के खंडहर हुए मकान के कमरे में काव्या मृत अवस्था में पड़ी मिली थी। काव्या के गले, चेहरे और सिर पर गंभीर चोट के निशान थे। परिजनों ने काव्या की हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। 

हत्या कर खंडहर में छिपाया शव 
दो अप्रैल 2024 को राजीव ने दोबारा थाने में तहरीर दी, जिसमें बताया कि 31 मार्च 2024 को काव्या ने अपनी मां सुलेखा और अपने तयेरे भाई अंकित को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। काव्या ने यह जानकारी पीड़ित को देने की बात मां से कही थी। इस पर सुलेखा ने अंकित के साथ मिलकर घर की रसोई में काव्या की हत्या कर दी थी। उसके बाद शव को बिजेंद्र के खंडहर में छिपा दिया था। पुलिस ने मामले में सुलेखा और अंकित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में जांच के बाद विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायाधीश मलखान सिंह के न्यायालय में चल रही थी, शनिवार को सुनवाई निर्णायक मोड में पहुंची। जिसके बाद न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देकर सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पाने पर दोनों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

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