Hapur : नगर कोतवाली और एसओजी टीम से रविवार को हुई मुठभेड़ में ढेर मनोज भाटी शहर में हुए दो चर्चित संगीन हत्याकांडों में शामिल रह चुका है। पुलिस के अनुसार वर्ष 2003 में हुई अशोक डेयरी वाले की हत्या और इसके बाद हापुड़ कचहरी के अंदर वर्ष 2013 में हुई अशोक उर्फ राका की हत्या में भी वह शामिल था।
वर्ष 2003 में हापुड़ के दूध कारोबारी अशोक डेयरी वाले की रेलवे रोड स्थित दुकान पर ही तबाड़तोड़ गोली बरसाकर हत्या कर दी थी। इस मामले में व्यापारियों ने काफी हंगामा किया। हत्या से गुस्साए व्यापारियों का प्रदर्शन काफी उग्र हो गया था। उस दौरान असामाजिक तत्वों ने तहसील चौपले के पास डीएम की कार में आग लगा दी थी। शहर के कई बड़े व्यापारियों पर भी मुकदमे दर्ज किए गए थे।
पुलिस ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला था कि हत्या जतन सिरोही गैंग के शूटरों ने की थी। जिनमें सत्यशील उर्फ टीटू चितौली, अमित भटौना, रणदीप भाटी, प्रशांत चौधरी, अमरदीप और नंदू रावण के अलावा मनोज भाटी भी शामिल था। इसके बाद मनोज जेल भी गया था। बाद में नंदू रावण और मनोज भाटी में भी आपस में दुश्मनी हो गई। इसके बाद मनोज भाटी ने नंदू रावण की बिजनौर में हत्या कर दी।
कचहरी हत्याकांड में भी शामिल
पुलिस के अनुसार इसके अलावा वर्ष 2013 में कचहरी के अंदर गौतमबुद्ध नगर के दादरी क्षेत्र के चक्रसेनपुर निवासी बदमाश अशोक भाटी उर्फ राका की भी कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गैंगवार में हुई इस हत्या में भी मनोज भाटी का नाम प्रकाश में आया था। उसके अलावा कृष्णा धोबी, रणवीर, विमला, योगेश, मनोज, अमित, उमेश पंडित और अनुज चौधरी को इस मामले में आरोपी बनाया गया था। मनोज भाटी हापुड़ में आतंक का पर्याय रहा था। जिसका रविवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में अंत हुआ।
परिजन ले गए मनोज भाटी का शव
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना बदमाश मनोज भाटी का पोस्टमार्टम के बाद हो चुका था। इसके बाद उसका शव मोर्चरी में रखा था। मनोज भाटी के पिता फिरे सिंह कुछ ग्रामीणों के साथ मोर्चरी पहुंचे और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को साथ ले गए। पुलिस के अनुसार मनोज भाटी को एनकाउंटर के दौरान केवल एक ही गोली सिर में लगी और वह ढेर हो गया
रुपा गैंग से भी जुड़ रहा था कुख्यात मनोज भाटी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस के लिए चुनौती बना मनोज भाटी दस साल पहले दिल्ली को रूपा गैंग में भी शामिल रहा था। इस गैंग में रहकरल उसने कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया गया। पुलिस के अनुसार अपराध करने के तरीकों को उसने इस गैंग में रहकर सीखा रखा। गैंग की लीडर रूपा को दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।