Hapur News : दीपावली के बाद हापुड़ की हवा जहरीली हुई तो इसका असर लोगों पर भी पड़ने लगा है। जिले के अस्पतालों में प्रदूषणजनित रोगों से ग्रसित सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जिनमें से अधिकांश को अस्थमा की परेशानी है। एक बार फिर प्रदूषण का स्तर शुक्रवार सुबह को बढक़र 325 दर्ज किया गया। जिला खतरनाक गैसों का चेंबर बना हुआ है।
मरीजों को हो रही परेशानी
वातावरण में छाई धुंध से मरीजों की नाक में खुजली, गले में खराश, आंखों में जलन है, साथ ही सांस, दमा और टीबी के रोगियों की हालत बिगड़ रही है। अस्थमा के रोगियों पर इस मौसम में कहर बरप रहा है। अचानक से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ काफी बढ़ गई है।
खांसी उखाड़ रही सांस, मरीज परेशान
डॉ.पराग शर्मा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में खांसी की सबसे अधिक समस्या आ रही है। बढ़ते प्रदूषण के कारण यह परेशानी बनी है। इनमें जुकाम, खांसी के साथ सीने में जकड़न भी बन रही है। जांच करने पर सांस की नली में सूजन और फेफड़ों में भी परेशानी मिली।
अस्थमा रोगियों की बढ़ती बेचैनी दे सकती है अटैक को न्यौता
सीएचसी अधीक्षक डॉ दिनेश खत्री ने बताया कि इस मौसम में अस्थमा के रोगियों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। सांस लेने में तक्लीफ के साथ ही यदि बेचैनी बढ़े तो यह अस्थमा अटैक की आशंका हो सकती है। ऐसी स्थिति में मरीज चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें।
-जिले में एक्यूआई का स्तर तिथि एक्यूआई
19 नवंबर 230
20 नवंबर 265
21 नवंबर 290
22 नवंबर 290
23 नवंबर 307
24 नवंबर 326