Tricity Today | कवियों और साहित्यकारों के आंगन का गुलाब
Hapur News : भारत विकास परिषद हापुड़ परिवर्तन के तत्वावधान में "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" के तहत मातृभाषा हिंदी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिया गया।
संस्था की अध्यक्ष डा. आराधना बाजपेई ने कहा कि हिंदी जनमानस की भाषा है। हिंदी हमारी आत्मा है, संस्कार है, धरोहर है। हिंदी हमारी रगों में है, दिलों में है, हिंदी सबसे समृद्ध एवं धनी भाषा है। हिंदी मुंशी प्रेमचंद, बाबू गुलाबराय, प्रताप नारायण मिश्र के आंगन का गुलाब है। सचिव एडवोकेट शिल्पी गर्ग ने कहा कि हिंदी हमारे जीवन मूल्यों, संस्कारों एवं संस्कृति की सच्ची परिचायक है। यह पूरे देश की संपर्क भाषा है। यह पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोती है। कार्यक्रम के संयोजन में कोषाध्यक्ष रेखा सिंह, महिला संयोजिका बीना गर्ग, अवंतिका सिंघल, स्वाति गर्ग और बबिता सिंह का विशेष सहयोग रहा।
इन्हें किया सम्मानित
इस अवसर पर शिक्षकों में, डा. आराधना बाजपेई, पारुल शर्मा, डा. शिखा अग्रवाल, आकांक्षा त्यागी, पूनम शर्मा, पूजा अग्रवाल, डा. सुनीता शर्मा, मंजू त्यागी को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर दीपाली मित्तल, पूजा सिंघल, पूनम गुप्ता, रीता गर्ग, वंदना तायल, विनीता चौधरी, माधवी, एडवोकेट ज्योति, अर्चना गर्ग, हिमानी सिंघल, सोनिया सूरी, ममता अरोरा, कविता गुप्ता, कविता बंसल, रेनू गर्ग, मधु अग्रवाल, ऋतु, रीता गर्ग, शोभा सिंघल, नीरू मित्तल और पल्लवी गर्ग आदि भागीदारी रहीं।