Tricity Today | हापुड़ में श्रीमद्भागवत कथा का सातवां दिन
HapurNews : शहर के मोहल्ला जवाहर गंज में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन को सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। जिसमें श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य कर खुशी मनाई। श्रीधाम वृन्दावन के प्रमुख और कथा वाचक श्रद्धेय डॉ शैल बिहारी दास जी महाराज ने बताया कि सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते।
मित्रतोद्वारकाधीशहैं
उन्होंने कहा कि गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते, पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार-बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं, उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौड़कर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते। उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं।
भगवानकासुमिरनकरतेहैं
सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं, लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। इसी के साथ कथा का विराम हो गया।
येरहेमौजूद
इस मौके पर व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष विकास गोयल गोल्डी, राजेन्द्र,आनंद गर्ग दाल मिल, यशी बंसल, पूर्व सभासद चन्द्र प्रकाश ठठेरे, अलका कौशिक, भावना अग्रवाल, डॉ सुमन अग्रवाल,विशाल अग्रवाल (एडवोकेट), रीना अग्रवाल, पूनम कर्णवाल , करन सेठी , संजीव रस्तोगी, राहुल बिट्टू, यर्थाथ, आयुष वर्मा, वैभव, नेहुल, प्रतिष्ठा आदि मौजूद रहे।