Hapur News : हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (Hapur-Pilkhuwa Development Authority) के हजारों भूखंडों को जल्द ही यूनिक आइडी नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर को वेबसाइट पर डालने पर तुरंत भूखंड से संबंधित पूरी कुंडली सामने आ जाएगी और इसका लाभ हजारों लोगों को मिलेगा। इसके लिए आगरा की एक साफ्टवेयर कंपनी से संपर्क किया गया है। जो प्राधिकरण की वेबसाइट को अपडेट करके यूनिक आइडी नंबरों की फीडिंग करेगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अब तक प्राधिकरण की किसी भी प्रापर्टी से संबंधित जानकारी के लिए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं, इसके कारण भूखंड खरीदने और बेचने वाले दोनों ही प्रकार के लोगों को परेशानी होती है। यहां तक कि नीलामी प्रक्रिया और अन्य कार्यों में भी दिक्कतें आती हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में भूखंड लेने वाले हजारों लोगों की समस्याओं को देखते हुए प्रत्येक भूखंड के लिए एक यूनिक आइडी नंबर जारी करने का निर्णय लिया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर एचडीएफसी बैंक से भी टाइअप किया गया है।
लोगों को घर बैठे मिलेंगी सुविधाएं
अब तक प्राधिकरण द्वारा जितने भी भूखंडों का आवंटन किया गया है। उनसे संबंधित जानकारी लोगों को प्राधिकरण की वेबसाइट पर यूनिक आइडी नंबर डालकर मिल जाएगी। हालांकि, यह जानकारी भूखंड खरीदने के बाद सिर्फ उनके स्वामी को ही मिलेगी। भूखंड स्वामी को एक ओटीपी नंबर मोबाइल पर जाएगा। जिसके जरिए वह भूखंड से संबंधित जानकारी ले सकेंगे। इस जानकारी में भूखंड कब दिया गया, बैंक का कितना कर्जा है, कब-कब किसे-किसे भूखंड बेचा गया, भूखंड से संबंधित दस्तावेज और नक्शा आदि की जानकारी प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना भी शामिल
दरअसल, लोग प्राधिकरण से कोई भी प्रापर्टी खरीदने के बाद उस पर बैंक से कर्ज लेते हैं। इसलिए लोगों को कर्ज से संबंधित जानकारी के लिए बैंक भी जाना पड़ता है। जिले में प्राधिकरण की आनंद विहार, प्रीत विहार, प्रीत विहार विस्तार आदि आवासीय योजनाएं चल रही हैं। इसमें लगभग दो हजार भूखंड है। इसमें प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना भी शामिल हैं। इसके अलावा पिलखुवा में टैक्सटाइल सिटी और हापुड़ मे ट्रांसपोर्ट नगर योजना संचालित है। इन दोनों ही जगहों पर भी उद्यमियो व व्यापारियों ने फैक्ट्री व गोदाम आदि संचालित किए हुए हैं।
क्या बोले वीसी?
हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के वीसी डॉ नितिन गौड़ नें बताया कि प्राधिकरण (HPDA) के हर भूखंड के लिए एक यूनिक आइडी नंबर जारी करने की योजना है। इसके लिए एक साफ्टवेयर कंपनी से वार्ता चल रही है। जल्द ही इस ओर अच्छे परिणाम आएंगे।