Tricity Today | कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भारी हंगामा
कानपुर। प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ रहे जीआरपी के फतेहपुर थाना प्रभारी से टिकट निरीक्षक की कहासुनी हो गई। इस पर जीआरपी थाना प्रभारी ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी। आरोप है कि उनके पास ड्यूटी कागज नहीं था। इसके बाद रेलकर्मियों को जीआरपी स्टाफ ने धुन दिया और थाने के लॉकअप में डाल दिया। आरोप लगाया कि जानते हुए भी रेलकर्मियों ने अभद्रता की। घटना से नाराज रेल यूनियन के पदाधिकारियों ने सेंट्रल स्टेशन पर हंगामा कर दो घंटे तक ट्रेनों का संचालन ठप रखा। इससे प्रयागराज इंटरसिटी, वैशाली एक्सप्रेस, गोरखपुर-एलटीटी व गोमती एक्सप्रेस समेत एक दर्जन ट्रेनें फंस गईं। आधा से सवा दो घंटा तक देरी से गईं।
एसपी ने थाना प्रभारी को सस्पेंड किया
एसपी जीआरपी प्रयागराज अष्टभुजा प्रसाद सिंह में बताया कि फतेहपुर थाना प्रभारी लाल सिंह समेत चार को प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच सीओ जीआरपी प्रयागराज को दी गई है। चोरी के आरोपित को कानपुर से लेकर आ रही टीम एसी टू कोच में चढ़ रही थी, जबकि इसके लिए वो अधिकृत नहीं थे।
अवैध रूप से यात्रा कर रहे था जीआरपी थाना प्रभारी
बीकानेर से प्रयागराज जा रही ट्रेन संख्या 12404 प्रयागराज सुपरफास्ट एक्सप्रेस रविवार तड़के 2:05 बजे सेंट्रल स्टेशन पर आई। 2:08 बजे ट्रेन आगे बढ़ी तो चेन खींचकर जीआरपी फतेहपुर थाना प्रभारी लाल सिंह चार लोगों के साथ चढ़ने लगे। इस पर टिकट निरीक्षक ने रोका। इस बीच चेन खींचने के बाद ट्रेन रुकने की जानकारी पर रेलकर्मी आलोक गुप्ता, अमरनाथ व संतराम आ गए। इन लोगों ने ट्रेन में अवैध रूप से पुलिस प्रशासन के लोगों के यात्रा करने व चेन खींचने की बात कही। चेकिंग स्टाफ भी आ गया और जांच शुरू कर दी। इस पर जीआरपी ने चेकिंग स्टाफ के साथ मारपीट की। इससे तीनों रेलकर्मी घायल हो गए।
दो घंटे तक बाधित रही ट्रेनों की आवाजाही
मामला संज्ञान में आने के बाद नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के शाखा मंत्री विक्रम यादव, अनूप, महेंद्र कुमार, मनोज त्रिपाठी, समर सिंह व महेंद्र सिंह सुबह साढ़े पांच बजे सेंट्रल स्टेशन आ गए। सभी शाखाओं के मौके पर पहुंचकर इस ज्यादती के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन शुरू कर दिया। दर्जनों कर्मचारी भी पहुंच गए। इससे सेंट्रल पर ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। सेंट्रल स्टेशन के निदेशक आशुतोष सिंह, सहायक वाणिज्य प्रबंधक संतोष त्रिपाठी समेत रेल अधिकारियों ने आकर कर्मियों को शांत कराया। पुलिस महानिरीक्षक रेलवे से बात की गई। उनके कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देने पर मामला शांत हुआ। सेंट्रल स्टेशन के निदेशक ने बताया कि फिलहाल ट्रेनों का संचालन शुरू करा दिया गया है।