Google Image | ब्लैक फंगस से पीड़ित युवक की पत्नी की गुहा
कोरोना वायरस संक्रमण से ऐसे ही उत्तर प्रदेश मे बुरा हाल है । अब इन सब के बीच उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस नाम की जानलेवा बीमारी ने संकट को और बढ़ा दिया है। इस बीमारी में कई लोग अपनी आंखों की रोशनी गवा बैठे हैं। तो अभी वहीं ब्लैक फंगस से पीड़ितों के मरीज़ो के सामने महंगा इलाज एक बड़ी समस्या है। इन सब के बीच एक ताजा मामला सामने आया है कानपुर जिले से यहाँ एक महिला ने पति के इलाज के लिए मंडलायुक्त से गुहार लगाई है।
महिला का कहना है उसका पति कानपुर के हैलट अस्पताल के वार्ड-9 में भर्ती है और उन्हें ब्लैक फंगस है। महिला ने मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचकर पत्र सौंपा है। जिसमें महिला का कहना है कि वह 12 हजार की कीमत का एंटी फंगल इंजेक्शन अब और नहीं खरीद सकती है। उसके पास मंहगी दवाएं खरीदने को रुपए नहीं हैं। ऐसे में उसे अस्पताल से एंटी फंगल इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाए। प्राइवेट नौकरी करने वाले विजय गौतम को 13 मई को हैलट अस्पातल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई और डॉक्टरों ने उसकी पत्नी दीपिका को बताया कि विजय की एक आंख निकालनी पड़ सकती है।
वह पिछले कई दिनों से रोज 12 हजार रुपए का एंटी फंगल इंजेक्शन और मंहगी दवाइयां खरीद रही हैं। वह पड़ोसियों और पति के साथियों की आर्थिक मदद से इंजेक्शन और दवाएं खरीद रही थी। दीपिका का कहना है कि उसके मददगारों की भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को 100 इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं। मेडिकल कॉलेज प्रिन्सिपल का कहना है कि जरूरत के मुताबिक ब्लैक फंगस पीड़ित को इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। मगर मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन मिलने के बाद भी विजय को इस स्टॉक से इंजेक्शन नहीं मिल रहा है।
दीपिका ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करने पर उन्होंने कहा कि विजय की कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट नहीं है। इसलिए उसे यह इंजेक्शन नहीं मिल सकता। जबकि उसके पति को मई के पहले हफ्ते में कोविड पॉजिटिव होने की वजह से एडमिट किया गया था। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम था। इस दौरान डॉक्टरों ने उसका आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं कराया। अब ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उनकी एक आंख निकाली जा सकती है।