देवों में देव महादेव का पूजन करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। वैसे तो महादेव भोलेनाथ है वे भक्तों की सिर्फ श्रद्धा मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। बावजूद इसके पुराणों में शिवजी का पूजन करने की एक विधि दी गई है। इन विधियों में यह विस्तार से जानकारी दी गई है कि शिवजी का पूजन करते समय किस तरह की गलतियों को नहीं करना चाहिए।
कर्मकांड विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष जी पाधा ने जानकारी दी कि शिव पुराण में कुछ ऐसे नियमों की जानकारी दी गई है जिन्हें भक्तों को पालन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शिव जी की भक्ति करने के दौरान यदि ऐसी कुछ गलतियां हो जाती है तो पूजन का पूर्ण फल मिलने में बाधा उत्पन्न होती है। पुराणों में दी गई इन्हीं जानकारियों के अनुसार शिवजी का पूजन करना चाहिए। यदि भक्त शिवजी का पूजन करते समय पुराणों में दी गई इन्हीं जानकारियों को अनदेखी कर रहे हैं तो उन्हें तत्काल सुधार कर लेना चाहिए।
दक्षिण की तरफ मुख करके ना करें पूजन
शिवजी का पूजन करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि भक्तों का मुख पूजन करते समय किसी भी दशा में दक्षिण दिशा की ओर ना हो। इसका ख्याल रखने के लिए एक छोटा सा उपाय है। शिवलिंग का पूजन करते समय भक्तों से अक्सर इस तरह की गलतियां हो जाती है। इसलिए शिवलिंग पर पूजन करते समय पहले दिशा का भली-भांति ज्ञान जरूर कर लेना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पूजन करने से पूजन का पूर्ण फल हासिल नहीं होता है।
स्टील के बर्तन से ना करें दुग्ध अभिषेक
सहूलियत को देखते हुए आजकल घरों में ज्यादातर स्टील के बर्तन मौजूद होते हैं। यही वजह है कि शिवजी पर जलाभिषेक या दुग्ध अभिषेक करने के लिए भक्त स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। पुराणों में स्टील के बर्तनों को शिवपूजन पूजन के लिए अशुद्ध माना गया है। इसलिए भक्तों को इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि शिवजी के पूजन करते समय स्टील के बर्तनों का परहेज करना चाहिए।
शिवलिंग से निकला जल प्रसाद के रूप में ना लें
महादेव के कई मंदिरों में ऐसा देखा गया है कि भक्त शिवजी पर चढ़ाए हुए जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। पुराणों में यह प्रक्रिया पूरी तरह से वर्जित मानी गई है। पूजन के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि यदि शिवजी पर दुग्ध अभिषेक या जलाभिषेक किया जा रहा है तो अभिषेक करने के बाद साफ कपड़े से शिवलिंग को जरूर साफ करना चाहिए। खुद के चढ़ाए हुए जल को या दूध को कभी भी प्रसाद के रूप में ग्रहण नहीं करना चाहिए।
शिवजी पर कभी ना चढ़ाएं केवड़ा
शिवालयों में शिवजी का श्रंगार कराने वाले भक्त सुगंध के लिए इत्र और केवड़े का प्रयोग करते हैं। पुराणों में शिवजी पर चढ़ाई जाने वाली वर्जित सामग्रियों में केवड़ा भी शामिल है। इसलिए यदि शिवजी का श्रंगार कराने जा रहे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें की श्रृंगार की सामग्री या पूजन की सामग्री में केवड़े को कभी शामिल ना करें।