मुख्य सचिव के आदेश पर कानपुर पुलिस ने पिता पुत्रों को जेल भेजा

यूपी क्रिकेट टीम में सिलेक्शन के लिए छोटा भाई बना चीफ सेक्रेटरी : मुख्य सचिव के आदेश पर कानपुर पुलिस ने पिता पुत्रों को जेल भेजा

मुख्य सचिव के आदेश पर कानपुर पुलिस ने पिता पुत्रों को जेल भेजा

Tricity Today | मुख्य सचिव के आदेश पर कानपुर पुलिस ने पिता पुत्रों को जेल भेजा

Kanpur News : यूपी की राजधानी से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। यहां यूपी क्रिकेट टीम अंडर-23 में बड़े भाई का चयन कराने के लिए छोटे भाई ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा बनकर यूपीसीए के मुख्य चयनकर्ता प्रवीण गुप्ता को फोन कर दिया। इसके बाद काल और मैसेज से दबाव बनाने का खेल शुरू हुआ। यूपीसीए को जब दाल में काला नजर आया तो मुख्य सचिव को जानकारी देकर पुलिस को सक्रिय किया गया। पुलिस ने जांच के बाद इस प्रकरण में छद्म रूप से मुख्य सचिव बने युवक को उसके भाई और पिता के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके तीनों को जेल भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा-दो निवासी अटल मिश्रा का बड़ा बेटा 22 वर्षीय ईशान उर्फ मानू क्रिकेट खिलाड़ी है। बीते कई सालों से उसका यूपी टीम में चयन नहीं हो रहा था। ईशान ने अपने छोटे भाई अंश उर्फ चीनू व पिता के साथ मिलकर एक योजना बनाई। अंश ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा के नाम से फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाया और प्रोफाइल फोटो में उनकी फोटो लगा ली। इसके बाद उसी वाट्सएप नंबर से 10 से 29 अक्टूबर के बीच में मुख्य सचिव बनकर यूपीसीए के मुख्य चयनकर्ता प्रवीण गुप्ता को कई बार काल व मैसेज किया। हर बार यूपी अंडर-23 क्रिकेट टीम में ईशान के चयन के लिए दबाव बनाया गया। शक होने पर इस मामले से मुख्य सचिव को अवगत कराया गया। 

ऐसे खुला भेज
मुख्य सचिव के आदेश से पुलिस सक्रिय हुई। सोमवार को बर्रा पुलिस ने आरोपी पिता अटल मिश्रा को उनके दोनों बेटों ईशान व अंश समेत गिरफ्तार कर लिया। बर्रा थाने के दारोगा रवीन्द्र कुमार सिंह ने वादी बनकर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। थाना प्रभारी सूर्यबली पांडेय ने बताया कि आरोपियों के पास से बरामद हुए मोबाइल की जांच की गई तो अंश के मोबाइल पर चल रहे वाट्सएप पर यूपी सरकार के प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की प्रोफाइल फोटो लगा हुआ अकाउंट चलता हुआ मिला। इसी अकाउंट के जरिए मुख्य चयनकर्ता को प्रमुख सचिव बनकर काल व मैसेज किया गया। यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने बताया कि मामले में शक होने से मुख्य सचिव से बात की गई। तब यह बात सामने आई कि उन्होंने फोन नहीं किया। इसके बाद इस मामले से पुलिस को अवगत कराया गया। उसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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