भगवान परशुराम की 6 फिट ऊंची प्रतिमा स्थापित, डिप्टी सीएम बोले- ब्राह्मण जाति नहीं जीवन जीने की एक प्रवृत्ति का नाम

Lucknow : भगवान परशुराम की 6 फिट ऊंची प्रतिमा स्थापित, डिप्टी सीएम बोले- ब्राह्मण जाति नहीं जीवन जीने की एक प्रवृत्ति का नाम

भगवान परशुराम की 6 फिट ऊंची प्रतिमा स्थापित, डिप्टी सीएम बोले- ब्राह्मण जाति नहीं जीवन जीने की एक प्रवृत्ति का नाम

Tricity Today | Lord Parashuram

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां जातिगत समीकरण बनाने में लगे हैं। वहीं ब्राह्मण समाज को जोड़ने की राजनीति भी जोरों पर है। शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कृष्णा नगर के सैहसेबीर बाबा मंदिर में भगवान परशुराम की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई, जिसका अनावरण उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने किया है। बता दें कि यह प्रतिमा 6 फिट ऊंची और 700 किलो वजन की है। सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मंयक जोशी ने राजस्थान से संगमरमर की तैयार करवाकर सैहसेबीर बाबा मंदिर में प्रतिमा स्थापित की है।

चाहिए ब्राह्मण जाति नहीं है, जीवन जीने की एक प्रवृत्ति का नाम 
इस अवसर पर मेयर संयुक्ता भाटिया, सांसद रामभाई मोकारिया, विधायक नीरज बोरा, आचार्य पंडित सत्यदेव आदि की भी उपस्थिति रहे। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष यूएस अवस्थी, सचिव देंवेंद्र शुक्ला, अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रतन सिंघानिया समेत तमाम लोग मौजूद रहे। इस दौरान उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा ब्राह्मण शब्द की व्याख्या करने वालों को समझ में आना चाहिए ब्राह्मण जाति नहीं है, जीवन जीने की एक प्रवृत्ति का नाम है। 

ब्राह्मणों को तिरस्कृत करने वाले आज मान रहे महत्व
जो अपने लिए नहीं बल्कि सबके कल्याण की भावना का प्रतिपालन करता है, जो कहता है प्राणियों में सद्भावना हो, जो कहता है सबके सुख में मेरा सुख है, जो दूसरों के सुख की कामना करता है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके मंगलकामना करने का कार्य करता है, वो ब्राह्नमण है। ब्राह्मणों को तिरस्कृत करने वाले लोग आज उसके महत्व को जान और मान रहे है। कहा कि प्रधानमंत्री जब काशी विश्वनाथ काॅरिडोर का निर्माण करते हैं। जब प्रधानमंत्री सूर्यदेव की अराध्ना करते हैं तो देश का एजेंडा तय हो जाता है। भारत अपने आरध्यों को मानने और अपनी संस्कृति पर चलने वाला देश है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.