लखनऊ : योगी सरकार ने फैसला लिया है कि मऊ में एटीएस का सेंटर बनेगा। देवबंद के बाद मऊ में एटीएस कमांडो सेंटर बनाया जाएगा। पिछले दिनों लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी और बंगलादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ और धर्मांतरण गिरोह के पर्दाफाश के बाद एटीएस के विस्तार की बात कही गई थी। पिछले दिनो ही कई आतंकी और मददगार इस रडार पर आ चुके हैं। क्योंकि नेपाल से जुड़ा भारत का सबसे बड़ा खुला बॉर्डर यूपी में ही लगता है। ऐसे में इसकी ज़रूरत समझी जा रही थी। एटीएस कमांडो सेंटर के जरिए तालिबानी समर्थकों पर लगाम कसने की तैयारी भी हो रही है।
देवबंद में यूपी एटीएस को एक्टिव करने का मकसद
अफसरों के मुताबिक जिस तरह प्रदेश में लगातार आतंकी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में धर्मांतरण के भी कई मामले सामने आए हैं। साथ ही अलकायदा मॉड्यूल के आतंकी भी लखनऊ में पकड़े गए थे। इसकी जांच एटीएस कर रही है। फर्जी आईडी से सिम लेकर चाइना में ऑपरेट करने के मामले में भी एटीएस जांच कर रही है। दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश बहुत ही सेंसिटिव एरिया माना जाता है जहां रोहिंग्या और आतंकी गतिविधियां भी सामने आती है। जानकरी के मुताबिक रोहिंग्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शरण लिए हुए है। यही वजह है कि सहारनपुर का देवबंद एटीएस कमांडो सेंटर के लिए चुना गया है।
12 जगहों पर खुलेंगी नई यूनिट
यूपी भर में अलग- अलग जगहों पर यूपी एटीएस की 12 नई यूनिट खोली जाएंगी। इसमें मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा, आजमगढ़, कानपुर, और मिर्जापुर में एटीएस यूनिट के लिए जमीन दे दी गयी है। वाराणसी और झांसी के लिए भी जल्दी ही जमीन का आवंटन कर दिया जाएगा। बता दें कि देवबंद में 15 से ज्यादा यूपी एटीएस के अफसर मौजूद रहेंगे।