इन खूबियों की वजह से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है सबसे बेहतर

Lucknow News : इन खूबियों की वजह से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है सबसे बेहतर

इन खूबियों की वजह से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है सबसे बेहतर

Tricity Today | पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल में मंगलवार को एक नया और एतिहासिक सवेरा हुआ। योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ कर प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। 341 किलो मीटर के इस लंबे एक्सप्रेस-वे के बन जाने से यूपी के तमाम लोगों की मुश्किलें कम होने जा रही हैं। यही वजह है कि योगी सरकार के इस ड्रीम प्रोजक्ट का प्रदेशवासी सालों से इंतजार कर रहे थे। बता दें कि लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला यह भारत का सबसे लंबा परिचालन एक्सप्रेस-वे है। जोकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से भी 39 किलो मीटर ज्यादा है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के नौ जिलों, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को जोड़ने का काम करेगा।

18 फ्लाईओवर सहित बहुत कुछ मौजूद
पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे का निर्माण 22,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है। एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत कुल 18 फ्लाईओवर, 07 रेलवे ओवर ब्रिज, 07 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 05 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज तथा 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है।

लखनऊ से शुरू होकर बिहार सीमा पर खत्म
बता दें कि फिलहाल एक्सप्रेस-वे को 6 लेन का बनाया गया है, जिसका विस्तार आठ लेन तक किया जा सकता है। एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित ग्राम चौदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया पर समाप्त होता है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के नौ जिलों, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को जोड़ेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हवाई लैंडिग मौजूद
इस एक्सप्रेस वे पर आठ जगह औद्योगिक गलियारे की स्थापना भी की जाएगी जिसकी अधिसूचना जारी हो गई है। सुलतानपुर के पास लगभग 3.2 किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी भी है। इस पर विमानों की आपात लैंडिंग हो सकेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

एक्सप्रेस-वे से जुड़ी 5 बड़ी बातें
1. लखनऊ से आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं व्यापार और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी।

2. छह लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राज्य की राजधानी लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले की सीमाओं से होकर गुजरेगा। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा।

3. इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए नई दिल्ली से जुड़ जाएंगे और यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के गांव चांद सराय से शुरू होकर गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव में खत्म होगा।

4. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की परियोजना लागत लगभग 22,494.66 करोड़ रुपये है, जिसमें जमीन की लागत भी शामिल है।

5. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उपयोग भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक इमरजेंसी रनवे के रूप में भी किया जाएगा। यह भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को आपात स्थितियों के लिए हवाई पट्टी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा।

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