लखनऊ। कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर भारत में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल्लाह अल मामून के ऊपर लगे हुए सभी आरोप सिद्ध हो गए हैं। बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 5 साल की कारावास के साथ 22 हज़ार रुपये के जुर्माना किया है। बता दें कि आरोपी अब्दुल्लाह प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का सदस्य है। और इसके ऊपर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के भी आरोप लगे थे।
2017 में हुई थी गिरफ्तारी
यूपी एटीएस ने आरोपी को साल 2017 में मुजफ्फरनगर के कूटेसरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। इसके बाद विधि क्रिया कलाप अधिनियम के तहत लखनऊ के ATS थाने में मुकदमा दर्ज किया था। बता दें कि कारावास की अवधि एक साथ चलेगी जबकि अर्थदंड की राशि जोड़ी जाएगी। इस प्रकार से 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 22 हज़ार रुपये न्यायालय द्वारा दंड के रूप में दंडित किया गया है। जुर्माना न देने की स्थिति में कारावास की अवधि बढ़ा दी जाएगी।
ये था मामला
आरोपी मूल रूप से बांग्लादेश के हसनपुर जिला मोमिनसाही का रहने वाला है। तथा सहारनपुर के देवबंद थाना क्षेत्र स्थित अमरेटा शेख में 2011 से रह रहा था यहीं पर उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था। अब्दुल्लाह के पास से एटीएस ने फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, 4 मोहरे प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और तहसीलदार व निर्वाचन अधिकारी तथा 13 पहचान पत्र बरामद किए थे।