ब्लैक फंगस बीमारी से लखनऊ में हुई पहली मौत, मेरठ में पांच और नए मामले मिले

BIG NEWS: ब्लैक फंगस बीमारी से लखनऊ में हुई पहली मौत, मेरठ में पांच और नए मामले मिले

ब्लैक फंगस बीमारी से लखनऊ में हुई पहली मौत, मेरठ में पांच और नए मामले मिले

Google Image | ब्लैक फंगस बीमारी से लखनऊ में हुई पहली मौत

कोरोना वायरस संक्रमण उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दिन व दिन ये बिकराल रूप धारण कर रहा है।ऊपर से एक नई बीमारी ने जन्म ले लिया जिसका नाम ब्लैक फंगस है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच इस बीमारी ने संकट को और बढ़ा दिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को ब्लैक फंगस नाम की बीमारी हो रही है। जिसमें कई लोग अपनी आंखों की रोशनी गवा बैठे हैं। तो वहीं अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक महिला ने ब्लैक फंगस की वजह से दम तोड़ दिया है। हाल ही मे इस महिला ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी। लेकिन बाद में उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे और उनकी मौत हो गई।

अभी लखनऊ के लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में एक महिला को 10 मई को लाया गया था। दरअसल, कोरोना से उबरने के बाद महिला को आंख व नाक में सूजन की शिकायत थी। डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की आशंका जाहिर की थी। इसके बाद सीटी स्कैन करने पर फंगस नजर आया। तब महिला का इलाज शुरू किया गया। मगर उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। इस दौरान फंगस की कल्चर जांच कराने की तैयारी भी शुरू हुई। इसी बीच उसकी मौत हो गई। महिला को शुगर की भी समस्या थी।

हाल ही में लखनऊ के केजीएमयू में ब्लैक फंगस बीमारी वाले 8 मरीजों देखे गए हैं। इनमें से कुछ मरीजों का लिंब सेंटर व कुछ का गांधी वार्ड में इलाज चल रहा है। इनमें से कई मरीज दूसरे अस्पतालों से भी रेफर हो कर आए हैं।  डाक्टरों की निगरानी में इन मरीजों का इलाज चल रहा है। मगर इनमें से 3 मरीजों की आंखों पर गंभीर असर बताया जा रहा है। केजीएमयू लोहिया व लोकबंधु अस्पताल समेत लखनऊ में अब तक करीब एक दर्जन ब्लैक फंगस यानी के मरीज सामने आ चुके हैं।

ये तो सिर्फ लखनऊ का हाल है अभी मेरठ जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को पांच और मरीजों को ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें चार मरीज न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती हैं और तीन का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। बिजनौर निवासी एक मरीज को पुष्टि होते ही परिजन किसी दूसरे अस्पताल में ले गए थे। इस तरह से मेरठ में आठ मामले सामने आ चुके हैं।

ब्लैक फंगस बीमारी के बारे में केजीएमयू के डॉक्टर सूर्यकांत ने बताया है कि कोरोना वायरस से ग्रस्त होने के बाद नौ दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस मरीज को होता है तो त्वचा के साथ-साथ आंख, नाक, फेफड़ा और ब्रेन को भी क्षति पहुंच सकता है। डॉक्टर सूर्यकांत ने कहा कि ब्लैक फंगस पहले से वातावरण में मौजूद है और इम्यूनिटी कमजोर होने पर इसकी चपेट में लोग आ सकते हैं। इस लिए इम्युनिटी का खास ख्याल रखे जितना हो सके अपने खाने पीने पर ध्यान दे।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.