Lucknow : पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल हो या किसी घटना में पुलिस की कार्रवाई हो वो अक्सर चर्चा में रहते हैं। इन दिनों खुद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाने के मामले में सुर्खियों में हैं। अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज पुलिस मारपीट का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सीजेएम कोर्ट लखनऊ में एफआईआर कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। वहीं सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने गोमतीनगर थाने से 24 मई 2022 तक आख्या मांगी है। बता दें कि इससे पहले उन्होंने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को तहरीर दी थी।
जीडी में लिखा की नहीं थी कोई चोट -अमिताभ
अमिताभ ने कहा है कि उन्हें 27 अगस्त को दिन में करीब 02.30 बजे घर से उठा कर करीब 03.15 बजे थाना हजरतगंज लाया गया था, जहाँ उनके साथ मारपीट तथा गाली-गलौज किया गया। उन्होंने दावा किया है कि हजरतगंज थाने की जीडी संख्या 44 में साफ़ लिखा है कि अमिताभ को कोई जाहिर चोटें नहीं थीं। इसके विपरीत शाम 05.30 बजे सिविल अस्पताल में कराये गए मेडिकल में उनके शरीर पर 06 मल्टीप्ल अब्रेजन की चोटें पायी गयीं, जो अगले दिन 28 अगस्त को जेल में हुए मेडिकल में भी इसकी पुष्टि हुई।
27 अगस्त को पूर्व आईपीएस हुए थे गिरफ्तार
दरअसल, अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर मुख्तार अंसारी के कहने पर रेप के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप था। अमिताभ ठाकुर को जब गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंची थी, तो वे गाड़ी में बैठने से इनकार कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया। वो पुलिस अधिकारियों से एफआईआर दिखाने की मांग कर रहे थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने एक पुलिसकर्मी पर हाथ भी उठाया था।