पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को लखनऊ हाई कोर्ट से मिली जमानत, जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने दी बेल

बड़ी खबर : पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को लखनऊ हाई कोर्ट से मिली जमानत, जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने दी बेल

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को लखनऊ हाई कोर्ट से मिली जमानत, जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने दी बेल

Tricity Today | अमिताभ ठाकुर

Lucknow : लखनऊ जेल में बंद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को आखिरकार करीब 6 महीने 17 दिन जेल में बिताने के बाद बड़ी राहत मिली है। सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से अमिताभ को ज़मानत मिल गई हैं। लखनऊ में जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए बेल दी है। अमिताभ ठाकुर की तरफ से उनके अधिवक्ता ने पक्ष रखा। इससे पहले पुलिस अभिरक्षा में जाने से इनकार कर हंगामा करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में पूर्व आईपीएस की ज़मानत मंजूर हुई थी। लेकिन वाराणसी की रेप पीड़िता और उसके साथी के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह मामले में पूर्व IPS को आरोपी थे। जिसके चलते वो रिहा नहीं हुए थे।

27 अगस्त 2021 को किया गया था गिरफ्तार
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को पिछले महीने 27 अगस्त को गोमती नगर स्थित उनके आवास से उन्हें हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया गया था। अमिताभ पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी के कहने पर रेप के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिये आपराधिक षड्यंत्र रचा था। 16 अगस्त को पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर अपने दोस्त के साथ आत्महत्या की कोशिश की थी। जिसमें इलाज के दौरान उसकी और उसके साथी की मौत हो गई थी। दोनों ने मौत से पहले कोर्ट के बाहर आत्महत्या करने से पहले फेसबुक लाइव भी किया था। फेसबुक लाइव में पीड़िता और उसके दोस्त ने एसएसपी अमित पाठक, सीओ अमरेश सिंह, दरोगा संजय राय और उनके बेटे विवेक राय, पूर्व आईजी पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीड़िता ने अमिताभ ठाकुर पर भी आरोप लगाए थे।

ये था मामला
बता दें कि बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता और उसके साथी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्महत्या का प्रयास किया था। इसमें दोनों बुरी तरह झुलस गए थे। बाद में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई थी। मामले में एसआईटी ने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिए अमिताभ ठाकुर ने पैसे लेकर आपराधिक षड्यंत्र रचा था। साथ ही गवाहों को बदनाम करने व पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए अपराधियों से जोड़कर छवि खराब करने के लिए ऑडियो वायरल किया था।

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