Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगस्त 2014 में अपनी मासूम भांजी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है। पोक्सो की विशेष अदालत ने आरोपी मोहम्मद आसिफ खान को फांसी की सजा सुनाई है। जस्टिस अरविंद मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त की गर्दन में फांसी लगाकर उसे तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मौत ना हो जाए। इसके साथ ही सजा की पुष्टि के लिए मामले की समस्त पत्रावली हाई कोर्ट को भेजने का भी आदेश दिया है। बता दें कि आरोपी आसिफ घटना के समय 19 वर्ष का था। वहीं उसकी भांजी महज 6 वर्ष की थी।
इस घटना से समाज को हुई क्षति
विशेष जज अरविंद मिश्र ने अभियुक्त आसिफ खान को आइपीसी की धारा 302 व 376 क सपठित पाक्सो एक्ट की धारा छह में भी मौत की सजा सुनाई है। उन्होंने अपने 83 पेज के फैसले में कहा है कि अभियुक्त के अपराध से पीडि़ता व उसके परिवार के साथ ही समाज को भी व्यापक क्षति हुई है। उसके अपराध से समाज में भय व अविश्वास पैदा हुआ है। लिहाजा उम्र कैद की सजा पर्याप्त नहीं होगी। बल्कि इस प्रकार के असामान्य प्रकृति के अपराध में अभियुक्त को मृत्यु दंड दिया जाना ही न्यायोचित होगा।
दुष्कर्म छिपाने के लिए कर दी हत्या
दुष्कर्म के अपराध को छिपाने के लिए दूसरा अपराध बच्ची की हत्या करके किया। जिससे समाज में लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सशंकित रहने लगे हैं। विशेष सरकारी वकील दुर्गेश नंदिनी श्रीवास्तव व लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय एवं सुखेंद्र प्रताप सिंह का कहना था कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध सामान्य अपराध नहीं है। इसके अपराध ने संपूर्ण मानवता को शर्मसार किया है। इसने नातेदार होने के बावजूद पांच वर्ष नौ माह 29 दिन की बच्ची के साथ ऐसी घटना की है कि कोई भी संबंधों पर विश्वास नहीं करेगा।
ये था मामला
अप्रैल 2014 को हुई इस वारदात की एफआइआर मृत बच्ची के नाना ने थाना हसनगंज में दर्ज कराई थी।एफआइआर के मुताबिक, उन्होंने एक दिन पहले अपनी नातिन को आसिफ के साथ आइसक्रीम लेने के लिए पैसे देकर भेजा था। इसके बाद वह गायब हो गई। परिवार के सभी लोग मोहल्ले में उसे ढूंढ रहे थे। रात्रि में करीब दो बजे आसिफ बच्ची को गोद में लेकर आया। तब उन्होंने देखा कि बच्ची के दोनों हाथ बंधे थे और हाथ की नसें कटी थी। बच्ची मर चुकी थी। आसिफ ने बताया कि उसे बच्ची शाह दोषी बाबा की मजार के पिछले गेट के पास मिली थी।